कोविड-19 के डर के बीच भारत जाने के बजाए शिकागो के ओहारे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एक टर्मिनल पर तीन महीने तक रहने वाले एक भारतीय व्यक्ति को यहां की एक अदालत ने अनाधिकृत प्रवेश के आरोप से बरी कर दिया. शिकागो ट्रिब्यून की खबर के अनुसार कुक काउंटी के न्यायाधीश एड्रिन डेविस ने आदित्य सिंह (37) को इस हफ्ते आरोप से बरी कर दिया. हालांकि अब सिंह को फिर अदालत में पेश होना पड़ेगा क्योंकि उन पर आरोप है कि अनाधिकृत प्रवेश के आरोप लगने के बाद ‘इलेक्ट्रॉनिक’ तरीके से निगरानी किए जाने के दौरान उन्होंने नियमों का उल्लंघन किया.
सिंह को 16 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. शिकागो विमानन विभाग की ओर से हवाई अड्डे की सुरक्षा का काम संभालने वाले ‘ट्रांसपोर्ट सिक्युरिटी एडिमिनिस्ट्रेशन’ ने कहा कि सिंह ने हवाई अड्डे के नियमों का उल्लंघन नहीं किया. विमानन विभाग की प्रवक्ता क्रिस्टीन कारिनो ने कहा, ‘सिंह ने कोई उल्लंघन नहीं किया, न ही उन्होंने किसी सुरक्षित क्षेत्र में अनुचित तरीके से प्रवेश किया. वह वहां पर प्रतिदिन आने वाले हजारों यात्रियों की तरह ही आए.’
सिंह करीब छह वर्ष पहले अध्ययन के लिए अमेरिका आए थे और कैलिफोर्निया के ऑरेंज में रहते थे. पिछले साल अक्टूबर में भारत लौटने के लिए अपनी यात्रा के पहले पड़ाव के रूप में वह लॉस एंजिलिस से शिकागो गए थे. जनवरी में सिंह को तब गिरफ्तार किया गया जब ‘यूनाइटेड एयरलाइंस’ के दो कर्मियों ने पाया कि वह वही बैज पहने हुए हैं, जिसके गुम होने की शिकायत कुछ समय पहले हवाई अड्डे के एक अधिकारी ने की थी. सिंह ने पुलिस को बताया कि वह हवाई अड्डे पर ही रुक गए, क्योंकि कोरोना वायरस के डर से वह विमान में नहीं चढ़ना चाहते थे. तीन महीने तक अनजान लोगों ने उन्हें भोजन मुहैया करवाया.
HIGHLIGHTS
- कोरोना संक्रमण के डर से शिकागो एयरपोर्ट पर रहा एक भारतीय
- इलेक्टॉनिक निगरानी से आया पकड़ में, अदालत ने किया रिहा