छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में एक वनवासी परिवार इंसानियत की अनोखी मिसाल पेश कर रहा है. जिले के हंगवा पंचायत के चेमा गांव का कोर्राम परिवार खुद का पेट काट कर बड़े प्यार से एक नवजात चीतल की परवरिश कर रहा है. यह शिशु नर चीतल इस परिवार को घने जंगलों में स्थित उसके खेत में लावारिस मिला था. इस घटना की गांव और उसके बाहर जानकारी पाकर सभी तारीफ कर रहे हैं. नन्हे चीतल को देखने और उससे मिलने के लिए लोग चेमा गांव तक पहुंच रहे हैं.
चीतल को अपने बच्चे की तरह पाल रहे परिवार के मुखिया सुदू कोर्राम ने इस बारे में बताया कि प्रसव के तुरंत बाद मादा चीतल अपने इस बच्चे को उसके खेत में छोड़कर भाग गई थी. चीतल के बच्चे को देखकर उससे रहा नहीं गया और वह उसे उठाकर अपने घर ले आया. अब पूरा परिवार उसकी परवरिश में जी जान से जुटा हुआ है.
खेत में मिला लावारिश नवजात चीतल
कोर्राम ने बताया कि उसके परिवार ने घने जंगल वालों इलाके के अपने खेत में हिरवां और उड़द लगाया हुआ है. रविवार दोपहर तीन बजे जब खेत की निगरानी करने गया तो उसने वहां मादा चीतल को देखा. लोगों की आहट की सुनकर वह तेजी से कूद कर भाग खड़ी हुई. पास जाकर देखा तो वहां एक नवजात नर चीतल पड़ा था. मादा चीतल शायद प्रसव के तुरत बाद आहट से घबराकर गने जंगल में भाग गई थी. थोड़ी देर तक उसका इंतजार करने के बाद उससे रहा नहीं गया और वह चीतल के बच्चे को लेकर घर वापस लौट आए.
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चीतल के लिए बाजार से मंगवाते हैं दूध
सुदू कोर्राम की पत्नी सुमती कोर्राम ने बताया कि उस नन्हे चीतल की देखभाल में पूरा परिवार एकजुट है. चीतल भी तीन दिन में ही परिवार के सभी लोगों से घुल-मिलकर उसका सदस्य हो गया है. कोर्राम परिवार ने बताया कि घर में सभी लोग लाल चाय पीते हैं, लेकिन चीतल के बच्चे के लिए हंगवा बाजार से अमूल का पैकेटबंद दूध मंगवाते हैं. इसके बाद परिवार के लोग कटोरी के जरिए बच्चे को दूध पिलाते हैं.
HIGHLIGHTS
- खुद पीते हैं लाल चाय और चीतल के बच्चे के लिए मंगवाते हैं दूध
- प्रसव के तुरंत बाद मादा चीतल अपने बच्चे को छोड़कर भाग गई थी
- नन्हे चीतल की देखभाल में पूरा परिवार एकजुट है
Source : News Nation Bureau