राजधानी दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल से एक बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां मिलते-जुलते नामों की वजह से शवों की अदला-बदली हो गई. जिसकी वजह से एक ही शख्स ने मिलते-जुलते नामों वाले दोनों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया. कोरोना वायरस से मौत होने के बाद मोइनुद्दीन और मइनुद्दीन के शवों को अस्पताल के मोर्चरी में रखा गया था. पुरानी दिल्ली के रहने वाले 50 वर्षीय मोइनुद्दीन को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद 4 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसी दिन उन्होंने दम तोड़ दिया था.
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मोइनुद्दीन की मौत के बाद अस्पताल ने उनका कोविड टेस्ट कराया और रिपोर्ट आने तक के लिए उनके शव को मोर्चरी में ही रख दिया था. रिपोर्ट आने के बाद मोइनुद्दीन के परिवार को सूचना दी गई कि वे कोरोना पोजिटिव थे. जिसके बाद 7 जून को उनका परिवार शव लेने के लिए अस्पताल पहुंचा. अस्पताल पहुंचकर मालूम चला कि अस्पताल ने मोइनुद्दिन के परिवार को जो शव सौंपा था, असल में वह मोइनद्दीन का शव नहीं था. बाद में मालूम चला कि 6 जून को मधु विहार के रहने वाले मइनुद्दीन की भी कोरोना वायरस से मौत हो गई थी और अस्पताल प्रशासन मिलते-जुलते नाम होने की वजह से गड़बड़ कर दी.
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अस्पताल वालों ने मइनुद्दीन के परिवार को मोइनुद्दीन का शव दे दिया, जिसे परिजनों ने बिना जांचे-परखे दिल्ली गेट स्थित कब्रिस्तान में दफना दिया. बाद में जब मइनुद्दीन के परिवार को मालूम चला कि उन्होंने जिस शव को दफनाया है वह मोइनुद्दीन का था. मइनुद्दीन का परिवार एक बार फिर अस्पताल पहुंचा और फिर उन्होंने अपने परिजन का शव लेकर मोइनुद्दीन के शव के बगल में ही दफना दिया. इस पूरे मामले पर मोइनुद्दीन का परिवार काफी नाराज और निराश है. उन्हें इस बात का दुख है कि उन्होंने न तो अपने परिजन के अंतिम दर्शन किए और न ही उन्हें दफना पाए.
Source : News Nation Bureau