रेमण्ड समूह की सामाजिक पहल, जे के ट्रस्ट ने बृहस्पतिवार को बताया कि पुणे के पास एक फार्म में आईवीएफ विधि से भैंस के पांच बच्चों (पंड़वा/पड़िया) का पैदा कराने में सफलता मिली है. देश में यह इस तरह की पहली सफलता बतायी गयी है. यह सफला भैंसों की नस्ल सुधाने की परियोना का परिणाम है.
ये भी पढ़ें- खुदाई का काम कर रहे मजदूर के हाथ लगा ऐसा खजाना, रातों-रात हो गया मालामाल
जे के ट्रस्ट ने एक बयान में कहा कि पुणे के पास धौंड के सोनवाने भैंस फार्म में चार भैंसों से पांच बच्चों का जन्म हुआ था. देश में आईवीएफ के माध्यम से भैंस के जुड़वां बच्चे पैदा होने का यह पहला मामला है. ये बछड़े मुर्राह नस्ल के हैं. इस पहली पहल की प्रणेता गैर सरकारी संस्था जे के बोवाजेनिक्स है.
ये भी पढ़ें- भगवान ऐसी पत्नी किसी को न दे! पहले पति से लूटी 1 करोड़, दूसरे से 45 लाख और फिर तीसरे से..
यह संस्था मौजूदा समय में देश भर में कैटल एंड बफेलो ब्रीड इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम को लागू कर रही है. रेमण्ड समूह के अध्यक्ष गौतम सिंघानिया ने कहा, “मैं आईवीएफ के माध्यम से भैंसों के नस्ल में सुधार के रेमंड ग्रुप के तत्वावधान में जेकेबोवगेनिक्स की सफलता से खुश हूं. यह अपनी तरह की ऐसी पहल है जो हमारे राष्ट्रीय डेयरी उत्पादन को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देने की क्षमता को बढ़ाती है.’’
Source : Bhasha