नवाबों के शहर में लोगों का यह शौक लखनऊ मेट्रो पर पड़ रहा है भारी

शहर नवाबों का और यहां पतंगबाजी न हो, ऐसा नहीं हो सकता. मगर नवाबों के शहर में पतंगबाजी अब लखनऊ मेट्रो के लिए मुसीबत बन रही है.

author-image
Dalchand Kumar
New Update
Metro

नवाबों के शहर में लोगों का यह शौक लखनऊ मेट्रो पर पड़ रहा है भारी( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

शहर नवाबों का और यहां पतंगबाजी न हो, ऐसा नहीं हो सकता. मगर नवाबों के शहर में पतंगबाजी अब लखनऊ मेट्रो के लिए मुसीबत बन रही है. लखनऊ के बाशिंदों का पतंगबाजी का शौक राजधानी में चलने वाली मेट्रो पर भारी पड़ रहा है. इससे लखनऊ मेट्रो का परिचालन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, क्योंकि पतंग उड़ाने में इस्तेमाल हो रहा चीनी मांझा ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन (ओएचई) लाइन को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है.

यह भी पढ़ें: दुल्हन थी कोरोना पॉजिटिव, दूल्हे ने PPE किट पहन रचाई शादी

लखनऊ मेट्रो के लिए पतंगबाजी कितनी मुश्किल पैदा कर रही है, जिसका इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सोमवार की रात 9 बजे विश्वविद्यालय स्टेशन के नजदीक मेट्रो की ओएचई लाइन चीनी मांझा फंसा होने के कारण ट्रिप हो गई, इसके चलते कुछ वक्त के लिए बिजली आपूर्ति बाधित हुई और एक लाइन पर मेट्रो की सेवा कुछ समय के लिए प्रभावित हुई. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) के अधिकारियों का कहना है कि मेट्रो कॉरिडोर के निकट पतंग न उड़ाने की कई अपीलों के बावजूद लोग इन पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

यूपीएमआरसी के अधिकारियों की मानें तो पिछले तीन सालों में ट्रिपिंग के 508 मामले लखनऊ मेट्रो ने दर्ज किए हैं और यूपीएमआरसी ने इस संबंध में कई बार प्राथमिकी दर्ज कराई है. मेट्रो रेलवे अधिनियम 2002 के तहत मेट्रो संपत्ति को क्षति पहुंचाने पर दस साल की सजा तथा बिना वारेंट गिरफ्तारी का प्रावधान है. बावजूद इसके लोगों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें: ज्वेलर ने बनाई 'अनमोल' डायमंड रिंग, गिनीज बुक में नाम दर्ज

दरअसल, चीनी मांझे में धातु का इस्तेमाल होने की वजह से विद्युत आपूर्ति बाधित होती है, साथ ही लोग पतंग उड़ाने के लिए कॉपर के तार का भी इस्तेमाल करते हैं जिससे लोगों के गले और आंखों में गंभीर चोट आने के साथ-साथ इससे पशु-पक्षियों को भी नुकसान पहुंच रहा है. गौरतलब है कि मेट्रो की ओएचई लाइन से 25 हजार वोल्ट या 25 केवी वोल्टेज की बिजली आपूर्ति होती है, इससे पतंग उड़ाने वाले की बिजली के करेंट से जान भी जा सकती है. नवंबर 2015 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में चीनी मांझे की बिक्री पर रोक लगा दी थी.

Source : Bhasha/News Nation Bureau

Lucknow Lucknow Metro लखनऊ मेट्रो
Advertisment
Advertisment
Advertisment