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क्या दुनिया को धोखाधड़ी सीखा रहे हैं केन्या के रहने वाले? किन वजहों से मजबूर हो रहे स्टूडेंट

पूर्वी अफ्रीका के देश केन्या में यह संगठित उद्योग के तौर पर फैलने की खबर सामने आई है. यहां रिसर्च पेपर, पीएचडी थिसिस या निबंध जैसे अकादमिक लेखन के नाम बने करारनामे के नाम पर रकम उगाह कर धोखा देना का चलन जोर पकड़ रहा है.

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Keshav Kumar
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अकादमिक लेखन के नाम पर धोखाधड़ी का धंधा( Photo Credit : News Nation)

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अकादमिक लेखन के नाम पर धोखाधड़ी एक संगठित पेशे के तौर पर भी अपनाया जा सकता है. यह जानकर भले हैरत होगी मगर यह सच है. पूर्वी अफ्रीका के देश केन्या में यह संगठित उद्योग के तौर पर फैलने की खबर सामने आई है. यहां रिसर्च पेपर, पीएचडी थिसिस या निबंध जैसे अकादमिक लेखन के नाम बने करारनामे के नाम पर रकम उगाह कर धोखा देना का चलन जोर पकड़ रहा है. बीबीसी ट्रेंडिंग पर नैरोबी से छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक घोस्ट राइटर्स विदेशियों को भी धोखा देना सीखा रहे हैं. वहीं बहुत साफगोई से इसे अकादमिक लेखन का जामा पहनाते हैं.

पांच साल से इस काम को लगातार जारी रखने वाले कैनेडी नाम के एक युवा के मुताबिक यह उनके जीने का एक अनोखा अंदाज है.  ग्लोबल ऑनलाइन इंडस्ट्री के हिस्से के तौर पर अपनाए जा रहे इस कदम को लेकर उन्हें कोई शर्मिंदगी भी नहीं होती.

नकली प्रोफाइल के जरिए बढ़ता है धंधा

इस धंधे को समझने की कोशिश में कई गुत्थियों से सामना करना पड़ता है. कोई स्कूली या कॉलेज का स्टूडेंट अपने असाइनमेंट को पूरा करने के लिए इनकी फ्री सेवा लेता है और उन्हें कुछ समय बाद नौकरी के दौरान उसका नुकसान उठाना पड़ सकता है. बिचौलिए अपनी साइट पर प्रोफाइल पिक्चर में समुद्र के किनारे और गोरे चेहरे वाली तस्वीर लगाते हैं. वह बताते हैं कि 'एस्से मील' पर अकादमिक लेखन पश्चिम के मशहूर लेखकों से करवाए जाते, जबकि वह चोरी के कंटेंट हो सकते हैं या फिर केन्या के किसी भी अकुशल और गैर अनुभवी नौजवान या स्टूडेंट के लिखे हुए हो सकते हैं. फोटोज भी नकली होने की पूरी आशंका होती है. कई बार ये युवा क्लाइंट के बदले ऑनलाइन परीक्षा देने का भी दावा करते हैं.

अच्छी शिक्षा और रोजगार के कम मौके से पनपा लालच

रिपोर्ट के मुताबिक ऐसी अकादमिक लेखन का दावा करने वाली अधिकतर साइट्स अमेरिका और पूर्वी यूरोप में स्थित हो सकते हैं और कई बार काम के लिए फ्री या फिर आधे से कम फीस का ऑफर कर सकते हैं. इस धंधे के जानकारों का कहना है कि केन्या एक अच्छी शिक्षा व्यवस्था और अंग्रेजी बोलने वाला देश है. इसके मुकाबले वहां रोजगार की काफी कमी है. खासकर युवाओं के लिए कमाने के मौके न के बराबर है. इसलिए यह देश अकादमिक लेखन के गोरखधंधे के जिक्र में शामिल हो रहा है.

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दावा किया जा रहा है कि कई बार तो केन्या के सरकारी शिक्षकों से ज्यादा कमाई ऐसे लेखन करनेवाले नए ग्रेजुएट की हो जाती है. इस लिए बड़ी संख्या में युवा इस धंधे में आने के लिए आकर्षित हो रहे हैं. उनका कहना है कि एक 30 साल का युवा इस धंधे से 150 हजार केनियन शिलींग्स यानी एक से डेढ़ हजार अमेरिकी डॉलर की कमाई कर लेता है. आमतौर पर यह मिनिमम सरकारी भत्ते से कहीं ज्यादा ही होता है. एक महीने में औसत 200 तक राइट अप तैयार हो जाते हैं.

HIGHLIGHTS

  • शिक्षकों से ज्यादा कमाई ऐसे नए ग्रेजुएट्स की हो जाती है
  • केन्या में शिक्षा अच्छी है मगर रोजगार के कम मौके हैं
  • फेक प्रोफाइल और वेबसाइट्स के जरिए धोखाधड़ी

Source : Keshav Kumar

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