आजकल हर कोई चाहता है कि उसकी आमदनी बढ़े. अगर उसके पास प्राइवेट नौकरी है, सरकारी नौकरी है या कोई बड़ा नेता है तो वह सोचता है कि उसकी सैलरी बढ़नी चाहिए. इसके लिए लोग जी-जान से मेहनत करते हैं ताकि उनकी सैलरी बढ़ जाए और उन्हें इसकी परवाह नहीं होती कि इसका बोझ किस पर पड़ेगा. इसमें अगर कोई सबसे आगे है तो वो हैं देश के नेता. उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वेतन बढ़ने से सरकारी खजाने पर क्या असर पड़ेगा और देश में महंगाई चरम पर पहुंच जाएगी. लेकिन इन सबके बीच कुछ नेता ऐसे भी हैं जो अपनी सैलरी छोड़ देते हैं. आज हम आपके लिए एक ऐसे ही नेता की कहानी लेकर आए हैं, जिन्होंने देश के लिए अपनी सैलरी कुर्बान कर दी.
नहीं लेगें अब सैलरी?
अफ्रीकी देश लाइबेरिया के राष्ट्रपति जोसेफ बोकाई ने अपना वेतन देश के लोगों के लिए छोड़ दिया है. उन्होंने अपनी पूरी सैलरी में से 40 फीसदी की कटौती कर ली है. बोकाई ने ऐलान किया है कि देश में बढ़ती महंगाई को देखते हुए उन्होंने फैसला किया है कि अब वह अपनी पूरी सैलरी नहीं लेंगे. आपको बता दें कि लाइबेरिया में इस समय महंगाई चरम पर है. ऐसे में लोगों के पास खाने तक के पैसे नहीं हैं. वहां हर कोई महंगाई से त्रस्त है. हालात ऐसे हो गए हैं कि सुबह खाओ तो शाम के बारे में सोचना पड़ रहा है.
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ये कोई त्याग नहीं है...?
जोसेफ बोकाई की मौजूदा सैलरी 13400 डॉलर यानी 11.50 लाख रुपये है. लेकिन अब सैलरी घटकर 6.67 लाख रुपये हो जाएगी. बोकाई से पहले राष्ट्रपति रहे जॉर्ज वी ने अपने वेतन में कटौती की घोषणा की थी. उन्होंने अपनी सैलरी में 25 फीसदी की कटौती की थी. जोसेफ बोकाई के इस फैसले से कई लोगों ने खुशी जताई है लेकिन कुछ लोगों ने अभी भी सवाल उठाए हैं. सवाल उठाने वाले लोगों को कहना है कि ये कोई बलिदान नहीं है. राष्ट्रपति अभी भी दैनिक वेतन और चिकित्सा कवर जैसे कई लाभ ले रहे हैं. इस वर्ष का राष्ट्रपति बजट लगभग $3 मिलियन है.
Source : News Nation Bureau