Advertisment

दोपहर में लंबे समय तक सोने से हो सकती है मौत, शोध में सामने आई सच्चाई

शोध में यह पाया गया कि 60 मिनट से अधिक समय तक सोने से दिल की बीमारी होने और मौत का खतरा उन लोगों की तुलना में 30 फीसदी तक बढ़ जाता है जो नहीं सोते हैं.

author-image
Sunil Chaurasia
New Update
sleep

सांकेतिक तस्वीर( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

ज्यादातर लोगों का ऐसा मानना है कि दोपहर के वक्त नींद लेने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन एक हालिया शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि इस दौरान एक घंटे से अधिक समय तक के लिए सोना दिल की बीमारी के जोखिम को बढ़ा देता है और इससे मौत होने की भी संभावना अधिक हो जाती है. ईएससी कांग्रेस 2020 द डिजिटल एक्सपीरियंस में प्रकाशित इस शोध में दोपहर के वक्त झपकी लेने और दिल की बीमारी व मौत होने के जोखिम के बीच रिश्ते के बारे में बताया गया है.

ये भी पढ़ें- मनाली से लेह जाने के लिए अगले महीने खुल जाएगी 8.8 किमी लंबी सुरंग, यहां पढ़ें A to Z डीटेल्स

इस विश्लेषण में 20 से अधिक अध्ययनों में कुल 3,13,651 प्रतिभागियों को शामिल किया गया था जिनमें से कुछ 39 फीसदी ने दोपहर के वक्त नींद ली. चीन में स्थित ग्वांगझोउ विश्वविद्यालय में शोध के लेखक डॉ. झे पान ने कहा, "दिन में सोना पूरी दुनिया में आम है और सामान्यत: इसे सेहत के लिए बेहतर माना जाता है. आमतौर पर यह समझा जाता है कि झपकी लेने से काम करने की क्षमता में सुधार आता है और नींद की कमी से होने वाले नुकसानों का भी प्रतिकार होता है. हमारे शोध में इन दोनों ही विचारों को चुनौती दी गई है."

ये भी पढ़ें- गर्लफ्रेंड ने ऑटो वाले के साथ भागकर की शादी, दिलजले आशिक ने ऐसे लिया बदला और फिर...

शोध में यह पाया गया कि 60 मिनट से अधिक समय तक सोने से दिल की बीमारी होने और मौत का खतरा उन लोगों की तुलना में 30 फीसदी तक बढ़ जाता है जो नहीं सोते हैं. अगर रात में सोने की बात करें, तो यह खतरा उनमें अधिक रहता है जो रोजाना रात को छह घंटे से अधिक सोते हैं. हालांकि, दोपहर के वक्त 60 मिनट से कम समय तक सोने से दिल की बीमारी के होने का खतरा नहीं रहता है. डॉ. पैन कहते हैं, "नतीजे से पता चलता है कि 30 से 45 मिनट तक सोने से उन लोगों के दिलों की सेहत सुधरती है जो रात में पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं ले पाते हैं."

Source : IANS

health RESEARCH Weird News sleeping heart diseases heart problems
Advertisment
Advertisment