भारत का एक ऐसा गांव, जहां लोग सोते हैं भारत में और काम के लिए दूसरे देश जाते हैं. ये है नागालैंड का लोंगवा गांव, जो प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ है. यहां पर पर्यटक घूमने भी आते हैं. दरअसल, यह जगह नागालैंड के मोन जिले में लोंगवा नामक एक गांव मे स्थित है. इस गांव के बीच से ही भारत-म्यांमार सीमा गुजरती है. इस वजह से लोंगवा गांव के निवासियों को दोहरी नागरिकता का फायदा मिलता है. उन्हें स्वतंत्र रूप से घूमने की आजादी मिलती है. यहां के लोगों को सीमा पार करने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती है. हालात ऐसे है कि कुछ घरों का बेडरूम भारत में और किचन म्यांमार में मौजूद है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार घने जंगलों के बीच म्यांमार सीमा के करीब बना भारत का यह आखिरी गांव है. यहां कोंयाक आदिवासी रहते हैं. इन्हें बेहद खूंखार माना जाता है. अपने कबीले की सत्ता और जमीन पर कब्जे को लेकर वो अक्सर पड़ोस के गांवों से लड़ाइयां भी करते थे. ऐसा कहा जाता है कि लोंगवा गांव मोन शहर से करीब 42 किलोमीटर दूर है.
काफी खूबसूरत है यह गांव
नागालैंड काफी खूबसूरत जगह है, लोंगवा गांव के प्राकृतिक नजारे काफी आकर्षक हैं. यह पूर्वोत्तर भारत में घूमने के लिए सबसे बेहतर जगहों में से एक है. लोंगवा का शांत वातावरण है और यहां की हरीभरी हरियाली लोगों का दिल जीत लेती हैं. प्रकृति के आकर्षण के अलावा, लोंगवा में नागालैंड साइंस सेंटर, डोयांग नदी, शिलोई झील, हांगकांग मार्केट और कई अन्य पर्यटन स्थल मौजूद हैं. नागालैंड राज्य परिवहन निगम की बसों से मोन जिले तक पहुंचा जा सकता है.
Source : News Nation Bureau