Lord Krishna: भगवान कृष्ण की तमाम लीलाओं के बारे में आपने पढ़ा और सुना होगा. प्राचीन काल से ही हमारे देश में भगवान कृष्ण को अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है. कोई उन्हें कन्हैया कहता है तो कोई कान्हा. हमारे देश में भगवान कृष्ण के तमाम मंदिर भी मौजूद हैं जिसमें कान्हा के भक्त उनके दर्शन के लिए पहुंचते हैं. आज हम भगवान कृष्ण के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में शायद ही आपने कभी सुना या पढ़ा होगा. ये मंदिर दक्षिण भारतीय राज्य केरल में स्थित है.
जहां भगवान कृष्ण के दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगती है. इस मंदिर से कई रहस्य जुड़े हुए हैं. जिन्हें जानकर आप हैरान रह जाएंगे. क्योंकि इस मंदिर में स्थापित भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति धीरे-धीरे दुबली होती जा रही है. ये बात यकीनन आपको हैरान कर रही होगी, लेकिन ये सच है कि केरल के कोट्टायम में स्थित इस मंदिर में स्थापित भगवान कृष्ण की मूर्ति दुबली होती जा रही है.
देश विदेश से पहुंचते हैं पर्यटक
केरल के कोट्टायम में मौजूद भगवान कृष्ण के इस खूबसूरत मंदिर में दर्शन के लिए देश-विदेश के पर्यटक पहुंचते हैं. ये मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है. यहां रोजाना हजारों कृष्ण भक्त सुबह-शाम भगवान की आरती उतारने के लिए आए हैं और उनके दर्शन कर खुद को धन्य करते हैं.
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जानिए क्या है मंदिर का इतिहास और कथा
ऐसा कहा जाता है कि ये मंदिर 1500 साल पुराना है. जब इस मंदिर का निर्माण किया गया था तभी से इसमें चमत्कार और रहस्यमयी गतिविधियां देखने को मिल रही है. कुछ लोग ये भी मानते हैं कि इस मंदिर का निर्माण इंसान ने नहीं बल्कि भगवान ने खुद किया था. इस मंदिर से एक और दिलचस्प पौराणिक कथा जुड़ी हुई है. जिसके मुताबिक, जब पांडवों को वनवास हुआ तो वे इसी स्थान पर भगवान कृष्ण की मूर्ति लेकर पूजा अर्चना किया करते थे. ऐसी मान्यता है कि पांडव सुबह-शाम यहां पर दीप प्रज्वलित कर कन्हैया को भोग लगाया करते थे. लेकिन जब पांडव यहां से चले गए तो वे मूर्ति को यहां छोड़ गए. उसके बाद स्थानीय लोगों इस मूर्ति की पूजा करने लगे. उसके बाद ये मंदिर काफी प्रसिद्ध हो गया. इसकी प्रसिद्धि लगातार बढ़ रही है.
दुबली होती जा रही मूर्ति
इस मंदिर से जुड़ी हैरान कर देने वाली बात ये भी है कि यहां मौजूद भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति दुबली होती जा रही है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान को भूख लगती तो और उस वक्त उन्हें भोग नहीं लगाया गया तो उनकी भूख अधिक बढ़ जाती है. जिससे मूर्ति दुबली हो जाती है. इस मंदिर में सुबह शाम दो समय आरती की जाती है और दिन में लगभग 10 बार भोग लगाया जाता है. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि बार-बार भोग लगाए जाने की वजह से भगवान कृष्ण की भूख बढ़ती जा रही है.
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सिर्फ 2 मिनट के लिए बंद होता है मंदिर
इसके अलावा इस मंदिर से एक और मान्यता जुड़ी हुई है. उसके मुताबिक, इस मंदिर को 24 घंटे में सिर्फ 2 मिनट के लिए बंद किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि अगर ताला खोलने में 2 मिनट से ज्यादा का समय लगता है तो उसे तोड़ दिया जाता है ताकि भगवान कृष्ण को भोग लगाने में देरी न हो जाए.
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Source : News Nation Bureau