ममल्लापुरम में चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग के स्वागत के लिए ईको-फ्रेंडली तैयारी की गई है. शी के स्वागत के लिए 'पंच रथ' में सब्जियों और फलों से एक भव्य स्वागत द्वार तैयार किया गया है. इसके निर्माण में 18 तरह की सब्जियों और फलों का इस्तेमाल किया गया है. इसके निर्माण में विभाग के 200 से अधिक कर्मचारियों को 10 घंटे से भी ज्यादा का समय लगा है. रोचक बात यह है कि इन सब्जियों और फलों को राज्य के अलग-अलग स्थानों से लाया गया है.
यह भी पढ़ेंः दिल्ली कांग्रेस की अंदरूनी कलह निजी हमलों के रूप में सामने आई, टूट की ओर तो नहीं बढ़ रही कांग्रेस
सजावट में गुलाब के फूलों का इस्तेमाल
हॉर्टीकल्चर विभाग के अतिरिक्त निदेशक तमिलवेंधन के मुताबिक अधिकांश सब्जियां ऑर्गेनिक हैं और इन्हें सीधे खेतों से ही लाया गया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनपिंग के स्वागत के लिए शौर्य मंदिर के पास सुख-समृद्धि के प्रतीक परंपरागत केले के पेड़ भी लगाए गए हैं. इसके अलावा सजावट में सफेद औऱ लाल रंग के गुलाबों का भी इस्तेमाल किया गया है.
यह भी पढ़ेंः इमरान खान ने जिस थाली में खाया उसी में किया छेद, शी जिनपिंग का नाराज होना तय
वुहान की तर्ज पर होगी अनौपचारिक बैठक
ममल्लापुरम के ऐतिहासिक तट पर भारत-चीन के राष्ट्राध्यक्षों के बीच होने वाली अनौपचारिक बैठक में दि्पक्षीय संबंधों को मजबूती देने वाले कदमों पर चर्चा होगी. इसके साथ ही दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत भी होनी है. शी चिनपिंग के साथ चीनी विदेश मंत्री वांग यी और पोलित ब्यूरो के सदस्य भी होंगे, जबकि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल भी होंगे. यह बैठक काफी हद तक वुहान की तर्ज पर ही होगी. इस यात्रा के पहले दिन शी चिनपिंग ममल्लापुरम के तीन ऐतिहासिक स्थलों का दौरा भी करेंगे.
HIGHLIGHTS
- पंच रथ के प्रवेश द्वार पर 18 तरह की सब्जियों-फलों से तैयार किया गया स्वागत द्वार.
- साथ में शौर्य मंदिर पर लगाए गए परंपरागत केले के पेड़. गुलाब के फूलों से सजावट.
- स्वागत द्वार के निर्माण में 200 कर्मचारियों को 10 घंटे से अधिक का समय लगा.