कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया की रफ्तार को रोक कर रख दिया है. जरा सोचिए की अगर इस महामारी का को परमानेंट सॉल्यूशन नहीं निकला तो क्या होगा? जिंदगी कैसे पटरी पर लौटेगी...क्या इसके साये में जिंदगी जीनी पड़ेगी? शायद यह सच भी हो जाए. जैसा की कुछ शीर्ष हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है. कुछ हेल्थ एक्सपर्ट ने इस बात का अंदेशा जताया है कि हो सकता है कोविद-19 का कोई वैक्सीन ही ना मिले.
हालांकि दुनिया भर में इस वायरस को मात देने के लिए 100 से ज्यादा वैक्सीन प्री-क्लीनिकल ट्रायल पर है. इजरायल ने तो वैक्सीन बनने का दावा भी किया है. बावजूद इसके कुछ हेल्थ एक्सपर्ट ने अलर्ट किया है कि जिस तरह एचआईवी और डेंगू का कोई वैक्सीन सालों के रिसर्च के बाद भी नहीं मिल पाई है. वैसे में हो सकता है कि कोरोना का भी वैक्सीन ना बन पाए.
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वैक्सीन अगर आती है तो क्या वो सभी मानकों पर खरी उतरेगी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) में कोरोना वायरस के विशेष दूत डॉ डेविड नैबोर इसे लेकर आशंका जताई है. उन्होंने कहा कि हम यह नहीं मान कर चल सकते कि इसकी वैक्सीन आ जाएगी और अगर आती भी तो क्या यह सभी तरह की सुरक्षा और क्षमता के मानकों पर खरा उतरेगी. यहां कुछ पहले से वायरस है जिनकी कोई वैक्सीन नहीं है.
हो सकता है वैक्सीन आए ही ना
कई हेल्थ एक्सपर्ट भी ऐसा ही मानते हैं. सीएनएन की रिपोर्ट में नैबोरो का कहना है कि लोगों की उम्मीद बढ़ रही है और खत्म हो रही है, क्योंकि वैक्सीन का ट्रायल फेल हो रहा है. सबसे बुरी स्थिति यह हो सकती है कि कभी कोई वैक्सीन ही न हो.
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डेंगू और एचआईवी हर साल लेती है हजारों की जान
बता दें कि एचआईव और डेंगू लाखों लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. इसके वैक्सीन के लिए लगातार शोध हो रहे हैं. लेकिन अभी तक सफलता हासिल नहीं हुई है. हर साल डेंगू से पूरी दुनिया में 4 लाख लोग मरते हैं. वहीं 40 सालों में एचआईवी ने 3.2 लाख लोगों की जान ले ली है.
वहीं कोरोना वायरस तो पिछले कुछ महीनों में ही दुनिया में तहलका मचा रखा है. हेल्थ एक्सपर्ट की इस तरह की भविष्यवाणी से लोगों के अंदर और डर पैदा कर दिया है.