मुंबई के वांगली रेलवे स्टेशन पर कुछ माह पहले एक रेल कर्मचारी ने अपनी जान पर खेलकर एक बच्चे की जान बचाई थी. इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. स्विचमैन मयूर शेलके को इस दौरान पुरस्कृत भी किया गया था. पूरी मुंबई में यह घटना चर्चा का विषय बन गई थी. हाल में फेसबुक पर मयूर ने इस घटना का दोबारा जिक्र किया और घटना यादकर कई भावुक बातें लिखीं. मयूर शेलके उस दिन के वाक्ये को याद कर कहते हैं कि वो रोजाना की तरह अपनी डयूटी के लिए वांगली स्टेशन पर जा रहा था वहां पर वो स्विचमैंन का काम करते हैं.
इस दौरान एक बच्चा रेल की पटरी पर गिरा गया और उसकी मां उसे बचाने के लिए गुहार लगा रही है. इस दृश्य को देखकर दिल जोर-जोर से धड़कने लगता है. साहिल की मां देख नहीं सकती थी, इसलिए वह अपने बच्चे को बचाने के लिए मदद मांग रही थी.
शेलके ने बताया कि वह बच्चे से 20 मीटर की दूरी पर था. उसने बताया कि वो जितनी तेजी से भाग सकता था वह भागा और बच्चे के करीब पहुंचने की कोशिश की. उसे लग रहा था कि अगर थोड़ी सी देरी हुई तो दोनों की मौत निश्चित थी. आखिरकार साहिल और वह सुरक्षित बच गए.
साहिल की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं मयूर शेलके
मयूर के अनुसार इस घटना के बाद उन्हें 50 हजार रुपये का इनाम दिया गया था. उनका मन कभी भी साहिल और उसकी मां से नहीं हटा. उन्होंने तुरंत अपनी कमाई का आधा हिस्सा साहिल की पढ़ाई के लिए दान दे दिया. मैने उसकी मां से कहा कि एक दिन ये बच्चा ढेर सारी खुशियां देगा वो बस चुपचाप सुनकर रोती रही. मयूर का कहना है अब साहिल स्कूल जाने लगा है, मां बेटे कभी भूखे न रहें मैं इसका पूरा ख्याल रखता हूं. शेलके के अनुसार वो अब उनके परिवार का हिस्सा बन गए हैं. साहिल उन्हें भाई बोलता है और उसकी मां मुझे बेटा कहकर बुलाती है. वे चाहते है कि साहिल पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़ा हो जाए.
Source : News Nation Bureau