मैक्सिको की रहने वालीं 23 वर्षीय अन्ना कॉर्टेज (Anna Cortez) को हाल ही में मां बनने का सुख मिला था इसके थो़ड़े दिन बाद ही अन्ना को कोरोना वायरस का संक्रमण हो गया. साथ ही उनके बच्चे को भी करोना हो गया. इस दौरान अन्ना के दूध का रंग हल्का हरा हो गया था मिरर वेबसाइट में प्रकाशित खबर के अनुसार यह हैरान कर देने वाली घटना सोशल मीडिया में खासी चर्चा का विषय बना हुआ है लोग अन्ना को मिल्की मम्मा कहकर संबोधित करने लगे हैं हालांिक अब अन्ना का दूध सामान्य रंग का हो चुका है लेकिन उनकी लोकप्रियता कम होने का नाम नहीं ले रही है.
शायद इस बात आसानी से कोई भरोसा करेगा लेकिन एक मां ने दावा किया है कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद उसका दूध हरा रंग में बदल गया. मैक्सिको की रहने वालीं 23 वर्षीय अन्ना कॉर्टेज ने कहा कि उन्हें और उनकी बच्ची को कोरोना हो गया और इसके बाद उनके दूध का रंग नियॉन ग्रीन (एक तरह से हरा) हो गया, जिसे देख वह खुद भी हैरान रह गईं. हालांकि, जब उनका इलाज पूरा हुआ और वह कोरोना निगेटिव हो गईं तो उनके दूध का रंग सामान्य हो गया.
क्या बच्चे की रक्षा करने के लिए हरा हो गया दूध का रंग
मिरर की खबर के मुताबिक, कॉर्टेज के दावे के बाद एक बाल रोग विशेषज्ञ, जो स्तनपान सलाहकार भी है, ने उनको को भरोसा दिलाया है उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है . बाल रोग विशेषज्ञ, के अनुसारए उनका दूध पूरी तरह से सुरक्षित है. उनके शरीर के अंदर मौजूद नेचुरल एंटीबॉडीज की वजह से दूध का रंग बदल गया होगा, क्योंकि एंटीबॉडी संक्रमण से लड़ते हैं और बच्चे की रक्षा करते हैं
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मां के आहार के कारण बदल सकता है दूध का रंग
विशेषज्ञों का मानना है कि दूध का हरा रंग मां के आहार के कारण हो सकता है, मगर 23 वर्षीय अन्ना ने कहा कि उनके खाने की आदतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है और तो और बहुत सा साग खाने के बावजूद भी उनका दूध हमेशा सफेद ही रहता है. कॉर्टेज ने कहा कि मैंने अपनी बेटी की देखरेख करने वाले डॉक्टर से बात की जो एक स्तनपान सलाहकार भी है. उन्होंने कहा कि जब मां बीमार हो जाती है, या जब बच्चा ठंड या पेट के वायरस की वजह से बीमार हो जाता है तो ऐसे में मां के दूध का रंग बदल जाता है.
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अन्ना, कोरोना वायरस से संक्रमित रहने के बाद भी वह लागातर अपनी बच्ची को दूध पिलाती रहीं.एक्सपर्ट्स की मानें तो मां को कोरोना होने के बाद भी बच्चे को दूध पिलाना नहीं छोड़ चाहिए, क्योंकि उनका दूध ही बच्चे की रक्षा करेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि अब तक के जो अध्ययन सामने आए हैं, उसमें दूध के भीतर वायरस के जाने के संकेत कहीं नहीं हैं,
HIGHLIGHTS
- मां को कोरोना होने के बाद भी बच्चे को दूध पिलाना नहीं छोड़ चाहिए.
- जब बच्चा ठंड या पेट के वायरस की वजह से बीमार हो जाता है तो ऐसे में मां के दूध का रंग बदल जाता है.
- दूध का हरा रंग मां के आहार के कारण हो सकता है,
Source : News Nation Bureau