Nazca Lines: अनगिनत रहस्यों से भरी हुई इस दुनिया में पेरू के रेगिस्तान का नाम भी शामिल है. क्योंकि, दक्षिण अमेरिका देश पेरू के नजका रेगिस्तान में ऐसी रहस्यमयी कलाकृतियां उभरी हुई हैं, जो पिछले 2000 से ज्यादा सालों से रहस्य बनी हुई हैं. हालांकि कुछ साल पहले इसके रहस्यों का खुलासा करने का दावा भी किया गया. लेकिन इसकी सच्चाई क्या है? इसके बारे में सटीक नहीं कहा जा सकता. 20 शताब्दी से उभरी हुई इंसान और जानवरों की इन कलाकृतियों को रहस्यमयी माना जाता है. जिन्हें पुरातत्वविद और यूएफओ की खोज करने वालों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.
बिल्ली और इंसानों के जैसी उभरी हैं कलाकृतियां
बता दें कि पेरू के नजका रेगिस्तान में उभरी इन कलाकृतियों में कुछ इंसान तो कुछ बिल्लियों की हैं. जिनकी लंबाई लगभग 121 फुट है. इन आकृतियों को सदियों से संरक्षित करके रखा गया है. इन आकृतियों को लेकर कई विशेषज्ञ दावा करते हैं कि यहां एलियन अपने यूएफओ के साथ धरती पर उतरते थे. इन रहस्यमयी संरचनाओं को उन्हीं ने बनाया है. हालांकि, कुछ साल पहले वैज्ञानिकों ने कई शोधों के बाद दावा किया कि यह पेरू की प्राचीन सिंचाई व्यवस्था की एक जटिल प्रणाली है. लेकिन इसकी हकीकत क्या है ये आज भी रहस्य है.
83 साल पहले की गई थी इस जगह की खोज
बता दें कि नजका लाइन्स में कई विशाल आकृतिया मिल चुकी है. दुनियाभर के पुरातत्वविद और स्पेस साइंटिस्स ने भी इस स्थान पर आकर कई खोज की. इस जगह की खोज 1940 के दशक में हुई थी. उसके बाद इस स्थान पर प्राचीन मानव सभ्यता की कई बहुमूल्य चीजें और आकृतियां मिल चुकी हैं. बता दें कि नजका रेगिस्तान पेरू की राजधानी लीमा से करीब 400 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है.
एलियंस को पृथ्वी पर बुलाने के लिए बनाई गई थी ये संरचनाएं
आपको जानकर हैरानी होगी कि स्विट्जरलैंड के मशहूर लेखक एरिच वॉन दानिकेन ने इन संरचनाओं को लेकर दावा किया था कि पेरू के स्थानीय लोगों ने एलियंस को पृथ्वी पर बुलाने के लिए इन संरचनाओं को बनाया था. उन्होंने अपनी किताब 'चैरियट्स ऑफ द गॉड्स' में लिखा है कि बिना किसी संदेह के यह कहा जा सकता है कि पेरू के पहाड़ों के किनारे बने विशाल चित्र हवा में खास संदेश भेजने के लिए बनाए गए थे.
सैटेलाइट तस्वीरों से चला इन आकृतियों का पता
इंजीनियर कार्लोस हरमेडा ने इन कलाकृतियों के रहस्यों को जानने की कोशिश की. उन्होंने बताया था कि नजका लाइन्स को पानी से कटाई के रूप में जानी जाने वाली पूर्व-इंकान तकनीक का उपयोग करके बनाया गया था. उन्होंने सैटेलाइट इमेजरी का अध्ययन कर इस चित्र का विश्लेषण किया है. शोधकर्ताओं का कहना था कि ये जटिल प्रणाली बंजर रेगिस्तान को सिंचित करती है. इस प्रणाली से नमी के स्तर के साथ एक क्षेत्र में पानी के प्रवाह को नियंत्रित किया जा सकता है.
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Source : News Nation Bureau