मोदी सरकार हादसों को रोकने का हवाला देकर नए मोटर व्हीकल एक्ट (New Motor Vehicle Act) की तरफदारी कर रही है, वहीं ट्रैफिक पुलिसवाले इस कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं. नया मामला दिल्ली के कैब ड्राइवर का सामने आया है. बताया जा रहा है कि कैब ड्राइवर का चालान इसलिए काट दिया गया, क्योंकि उसकी कैब में रखे फर्स्ट एड बॉक्स में कंडोम नहीं था. जबकि फर्स्ट एड बॉक्स में कंडोम रखने को लेकर कोई नियम नहीं है.
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बताया जा रहा है कि दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग पर एक कैब ड्राइवर धर्मेंद्र को ट्रैफिक पुलिस वाले ने रोक लिया था. धर्मेंद्र ने सारे कागजात दिखाए. इसके बाद ट्रैफिक पुलिस वाले ने फर्स्ट एड बॉक्स देखा तो उसमे कंडोम नहीं था. इस बात पर ट्रैफिक पुलिस ने ड्राइवर का चालान काट दिया. ड्राइवर को चालान की रसीद मिली तो उसमें कंडोम का जिक्र नहीं था, बल्कि ओवरस्पीड की बात कही गई थी.
बताया जा रहा है कि सार्वजनिक वाहनों के लिए हर समय कम से कम तीन कंडोम लेकर चलना जरूरी है. हालांकि ज्यादातर कैब ड्राइवरों को इस बात का इल्म नहीं है. इसका इस्तेमाल चोट लगने पर खून के प्रवाह को रोकने में काफी मददगार साबित होता है.
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दूसरी ओर, ट्रैफिक पुलिस के अफसरों का मानना है कि इस तरह का कोई नियम नहीं है. अफसरों का मानना है कि किसी कैब ड्राइवर का इस तरह चालान होता है तो उसे इसकी शिकायत अथॉरिटी से करनी चाहिए. दिल्ली मोटर व्हीकल एक्ट- 1993 और सेंट्रल मोटर व्हीकल एक्ट, 1989 में भी इसका कोई जिक्र नहीं है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो