चंडीगढ़ नगर निगम शहर भर के सभी आवारा कुत्तों के शरीर में इंस्टॉल करेगा माइक्रोचिप. इस माइक्रोचिप की मदद से एक तो कुत्तों की गिनती का सही अनुमान लगाया जा सकेगा. साथ ही उस चिप के माध्यम से यह भी पता लग पाएगा कि यह कुत्ता स्टेरलाइज है या नहीं. इसके अलावा यदि कोई कुत्ता किसी को काटता है तो उसके बारे में भी इस माइक्रोचिप की मदद से पता चल सकेगा. उत्तर भारत में यह अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट होगा.
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नगर निगम की वित्त एवं अनुबंध समिति (एफएंडसीसी) ने कुत्तों की गणना करने और टीकाकरण प्रबंधन में सुधार के लिए लावारिस कुत्तों में माइक्रो-चिपिंग के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी है. इसके लिए चार लाख रुपये से 1000 माइक्रोचिप्स, एप्लीकेटर और एक रीडर खरीदा जाएगा. चिप के लगाने के बाद लावारिस कुत्ते का रंग, ब्रीड, एरिया, कब-कब स्टरलाइजेशन आदि की जानकारी मिल जाएगी.
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शहर में बहुत से लोगों ने कुत्ते पाल रखे हैं. नगर निगम के अधिकारियों की शिकायत रहती है कि जब कुत्ता अपनी उम्र पूरी करने वाला होता है तो उसे सड़क पर छोड़ दिया जाता है. वह नगर निगम की जिम्मेदारी बन जाता है. इस वजह से भी शहर में हर साल कुत्तों की संख्या में इजाफा हो रहा है. अगर कुत्ते के अंदर माइक्रो चिप होगी तो स्कैन कर उसके मालिक का नाम, नंबर, पता समेत सभी तरह की जानकारी मिल जाएगी. ऐसे में इस समस्या से भी निजात मिल सकती है. इसका लाभ कुत्ते के खोने पर भी मिलता है. अगर वे कभी लापता हो जाते हैं तो उन्हें जल्द से जल्द ढूंढने और सुरक्षित रूप से मालिक के पास लौटने में भी सहायता होती है. स्कैन करते ही तुरंत पता लग जाएगा कि कुत्ता किसका है. अगर ये प्रयोग सफल रहा तो पालतू कुत्तों के लिए माइक्रो चिप अनिवार्य हो सकती है.
Source : News Nation Bureau