Offbeat News: कहते हैं कि किसी भी काम की शुरुआत के लिए ना उम्र बाधा बनती है और ना हालात ,अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो मुश्किल राह भी आसान हों जाती है. इसी कड़ी में राजस्थान में महिलाओं ने बीड़ा उठाया जो शिक्षा का अलख जगा रही हैं. इसकी शुरुआत भाग्यश्री सैनी ने की जो खुद कभी बाल विवाह का दंश झेल चुकी है. आज भाग्यश्री सैनी के नेतृत्व में महिलाओं का एक समूह राजस्थान के कुल 6 जिलों की बेटियों का भविष्य संवार रहा है. इन जिलों में 3 आदिवासी जिले हैं, इन जिलों की 1500 ड्रॉप आउट बेटियों को पढ़ाने का जिम्मा इस समूह ने अपने सर लिया है.
विपरीत परिस्थितियों के कारण छोड़ी लड़कियों ने पढ़ाई
जयपुर में रामगंज, आदिवासी जिले डूंगरपुर, उदयपुर की ड्रॉप आउट बेटियां सालों पहले जीवन की विपरीत परिस्थितियों के कारण अपनी पढ़ाई छोड़ चुकी थीं , लेकिन सालों बाद अपने पूरे जज़्बे के साथ फिर से यह 1500 बेटियां दसवीं बोर्ड का एग्जाम देने जा रही हैं. ये सभी बेटियां जयपुर,अजमेर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, जालौर, उदयपुर क्षेत्र से हैं.
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किस्मत से लड़कर स्वरोजगार के लिए ले रही हैं प्रशिक्षण
खास बात यह है कि सभी बेटियां या तो विधवा है या तलाकशुदा है. जिन्हें ना केवल शिक्षा से जोड़ा जा रहा है बल्कि इन्हें स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षित भी किया जा रहा है.
शिक्षा एक अनमोल रत्न
जिस तरह प्यार और खुशियां बांटने बढ़ती हैं, उसी प्रकार शिक्षा एक अनमोल रत्न है, जिसे जितना बांटा जाए उतनी ही बढ़ती है. एक समय ऐसा था जब गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोग शिक्षा प्राप्त करने में असक्षम होते थे. विपरीत हालत के बाद भी उन्हीं में से कुछ लोग अच्छी शिक्षा प्राप्त करके अपना व देश की उन्नति में योगदान देते हैं. ये ही लोग बाकी पीछे छूट गए लोगों का अच्छे से समझ सकते हैं जो असक्षम हैं. इन्हीं गिने-चुने लोगों में से कुछ लोग अब आगे आने लगे हैं और देश अमीर-गरीब की खाई पाटने में लगे हैं. ये लोग समाज में खुशियां बांटने के लिए शिद्दत से काम कर रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- शिक्षा की अलख जगा रहा है महिलाओं का समूह
- किस्मत से लड़कर स्वरोजगार के लिए पढ़ रही हैं