Nagoro Village of Dolls: दुनिया में अजीबोगरीब जगहें होती हैं, ऐसी ही बेहद हट कर एक जगह के बारे में आपको बताने जा रहे हैं. आज बात करने जा रहे हैं जापान के एक गांव की जहां इंसानों से ज्यादा पुतलों का बसेरा है. जी हां, पूरा गांव इंसान की आबादी के लोप के साथ ही यहां हर जगह बिजूका यानि पुतले दिखाई देते हैं. स्कूलों में बच्चों की जगह बिजूका पढ़ते दिखाई देंगे तो पढ़ाने वाले शिक्षकों की जगह भी बिजूका ही दिखेंगे. जापान के इस गांव का नाम नागोरो गांव (Village Nagoro) है.
इंसान की आबादी का हुआ लोप
तकनीक के मामले में आगे रहने वाले जापान के इस गांव में इंसानों की आबादी का लोप हो चुका है. लगभग पूरा गांव वीरान पड़ा हुआ है. गांव में केवल बुजुर्ग ही रह गए हैं, युवाओं की संख्या कम होने की वजह से इस गांव में 18 सालों से किसी बच्चे ने भी जन्म नहीं लिया है. बताया जाता है कि एक समय में गांव की आबादी 300 थी लेकिन समय की रफ्तार के साथ आबादी भी गांवों से प्रस्थान कर गई.
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पुतलों का बना गांव
आपके जेहन में सवाल आएगा कि इंसानों के बिना वीरान पड़े इस गांव में पुतलों का बसेरा कैसे हुआ. दरअसल इस गांव में रहने वाली एक महिला ने गांव को बिजूका का गांव बनाया. गांव में रहने वाली अयानो सुकिमी (Ayano Tsukimi) ने पहले शौकिया तौर पर गांव के लिए अपने पिता के कपड़ों से एक बिजूका तैयार किया. बाद में अयानो सुकिमी (Ayano Tsukimi) ने इसे अपना मिशन बना लिया. बच्चों के ना होने से गांव के स्कूल तो ठप पड़े हैं पर यहां स्कूली बच्चों के रूप में बिजूका पढ़ाई करते हुए दिखते हैं. खास बात ये कि पुतलों के इस गांव को देखने के लिए अब दूर- दराज से लोग आते हैं. अक्टूबर के पहले रविवार को एक खास त्योहार मनाया जाता है, जिसमें पुतलों को देखने लोग आते हैं. इस गांव पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी तैयार हो चुकी है.
HIGHLIGHTS
- एक समय में गांव की आबादी 300 के करीब थी
- गांव में अब केवल बुजुर्ग और पुतले ही रह गए हैं
- गांव में 18 सालों से किसी बच्चे का जन्म नहीं हुआ