सर्वधर्म सद्भाव और वसुधैव कुटुंबकम के जीती-जागती मिसाल भारत विभिन्न धर्मावलंबियों के साथ रहने वाले सबसे बड़े लोकतंत्र बतौर जाना जाता है. यही नहीं, दुनिया में जब भी शांति और दो धर्मों की एकता की बात होती है तो सबसे पहला नाम भारत देश का भी आता है. यह अलग बात है कि दुनिया में भी एक ऐसा शहर है जहां दो विभिन्न धर्मावलंबी एक ही दरवाजे से प्रवेश कर अपने-अपने ईष्ट को याद करते हैं. यही नहीं, ये एक साथ खाना बनाते और खाते भी हैं.
इस शहर का नाम है जॉर्डन, जहां ईसाई और मुसलमान दोनों ही धर्म के लोग वहां पर प्रार्थना करने के लिए जाते हैं. यही नहीं, सभी का आदर से स्वागत भी किया जाता है. इस शहर में चर्च और मस्जिद में जानें के लिए आपको दो नहीं एक दरवाजे की जरूरत है. जॉर्डन को आधिकारिक तौर पर हेशमाइट किंगडम ऑफ जॉर्डन कहा जाता है. यह दक्षिण पश्चिम एशिया में अकाबा खाड़ी के दक्षिण में, सीरियाई मरुस्थल के दक्षिणी भाग में स्थित एक अरब देश है. खूबसूरती के लिए मशहूर इस शहर में आपको ऊंची-ऊंची मीनारों पर लगे हुए लाउडस्पीकर दिखाई देंगे साथ ही चर्च की शांति भी महसूस होगी.
डॉर्डन को दुनिया में सहिष्णुता और आतिथ्य के लिए लोकप्रिय है. इस शहर में अलग-अलग धर्मों के लोगों को एक साथ मिलकर रहने के लिए प्रेरित किया जाता है. इतना ही नहीं विभिन्न धर्म के लोग एक साथ रहें इसके लिए शहर में अलग-अलग धर्म को मानने वाले लोग साथ खाना बनाते भी है और खाते भी हैं. बीबीसी के मुताबिक इस शहर में एक जगह ऐसी भी हैं जहां मस्जिद और चर्च में जाने के लिए एक ही रास्ता है. जैसे दो पड़ोसी त्योहार और अन्य कार्यक्रमों में एक दूसरे के साथ वैसे ही चर्च और मस्जिद के लोगों के बीच संबंध हैं. यह बात हमारे शहर के सबसे पुराने चर्च के संदर्भ में और स्पष्ट होती है. यह चर्च 1682 में बनाया गया था. यह एक गुफ़ा के चारों ओर है. जिसके बारे में कहा जाता है कि सेंट जॉर्ज वहां गड़ेरियों के सामने प्रकट हुए थे.
HIGHLIGHTS
- 1682 में बनाया गया था चर्च
- जॉर्डन समेटे है दो धर्मों का मिलन