उत्तराखंड की सीमा पर बने बैंक को लेकर जनता को लंबा इंतजार करना होता है. भारतीय सीमा पर बने स्टेट बैंक आफ इंडिया का बैंक सीमित समय के लिए सेवा में होता है. यह बैंक मौसम की वजह से साल में सिर्फ पांच माह ही खुलता है. पिथौरागढ़ की सीमा से सटे गुंजी में स्टेट बैंक आफ इंडिया लंबे समय तक सेवा में नहीं रहता है. यह चीनी सीमा से सटा हुआ है. इस बैंक की मदद से मानसरोवर के यात्रियों के साथ इंडो-चाईना ट्रेड जुड़े लोगों नकदी प्रदान की जाती है. इस समय यह दोनों ही बंद पड़े हैं. धारचूला के बाद लिपुलेख मोटरमार्ग में यह एकमात्र बैंक है. यहां पर इंटरनेट व्यवस्था नहीं है. ऐसे में यहां पर लेनदेन में दिक्कत होती है. यहां पर लेनदेन में असर न हो, इसके लिए बैंक शाखा का सर्वर सेटेलाइट से जुड़ा हुआ है. यहां पर मात्र तीन कर्मचारी ही तैनात हैं.
अक्टूबर माह में ये बैंक में वापस आ जाते हैं. सभी गुंजी में किराए के घर में रहते हैं. यह बैंक जून की शुरुआत से लेकर अक्टूबर के अंत तक खुला रहेगा. यहां के स्थानीय निवासियों का कहना है कि सीमा पर बने इस बैंक में सभी तरह की सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं. बैंक बंद होने के कारण लोगों को धारचूला जाना पड़ जाता है. उन्होंने कहा कि यहां पर बैंकों को साल भर खोले रखने की मांग की गई है.
स्थायी बैंक की ज्यादा आवश्यकता महसूस होती है
इस बैंक से गुंजी के साथ नाभी, नपलच्यू, कूटी, रोंककांग, गर्बयांग के ग्रमीणों का जुड़ाव है. यही नहीं बीआरओ के कर्मचारियों के साथ सेना, आईटीबीपी और एसएसबी के जवानों को बैंक सेवाएं देता है. पहले यहां के लोगों की बैंक पर निर्भरता बहुत कम थी. मगर आज सुरक्षाकर्मियों से लेकर स्थानीय लोगों को सालभर में स्थायी बैंक की ज्यादा आवश्यकता महसूस होती है.
Source : News Nation Bureau