Poveglia Island: दुनियाभर में तमाम आइलैंड हैं. इनमें से कुछ द्वीप अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं. इसीलिए हर साल वहां लाखों लोग छुट्टियां मनाने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन इटली में एक ऐसा आइलैंड है जो खूबसूतर होने के बावजूद सूनसान पड़ा है. यहां जाने की हर किसी की हिम्मत नहीं होती. क्योंकि इस द्वीप पर डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की लाशें दफन हैं और अब इस द्वीप को लोग भूतिया मानने लगे हैं. इस द्वीप का नाम है पोवेग्लिया. इटली के नॉर्थ में वेनिस और लीडो की बीच स्थित ये द्वीप पिछले 55 सालों से वीरान पड़ा है. क्योंकि, यहां एक लाख 60 हजार लोगों के शवों के अवशेष मौजूद हैं. एक्सपर्ट्स का दावा है कि द्वीप की 50 फीसदी से अधिक मिट्टी मानव दाह संस्कार से निकली राख से बनी है.
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1968 से खाली पड़ा है ये द्वीप
द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पोवेग्लिया द्वीप पर लोगों के जाने पर रोक लगी हुई है. हालांकि, स्पेशल परमिशन लेने के बाद यहां लोग जा सकते हैं. लेकिन इनकी संख्या काफी कम है. ये द्वीप 1968 से वीरान पड़ा हुआ है. इसलिए अब इस द्वीप पर लोगों की जाने की हिम्मत नहीं होती. बता दें कि ये द्वीप एक छोटी सी नहर से दो अलग-अलग हिस्सों में बंटा हुआ है, जिसके एक तरह घास फूंस और पेड़ उग आए हैं जबकि दूसरी तरह जर्जर इमारतें खड़ी हुई हैं.
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इस द्वीप मौजूद था मेंडल हॉस्पिटल
बताया जाता है कि इस द्वीप पर पहले एक मेंटल अस्पताल होता था. जो अब खाली पड़ा हुआ है. अब इस अस्पताल की इमारत को बेलों, वनस्पतियों और पेड़ों ने घेर लिया है. इसकी दीवारों में दरारें आ गई हैं. लेकिन इसमें आज भी बेड्स और मेडिकल उपकरणों पड़े हुए हैं. इसके अलावा कई बड़े कंटेनर भी इस द्वीप पर पड़े हुए हैं.
इस द्वीप पर फैल गया था प्लेग
बता दें कि इस द्वीप पर 1776 में वेनिस से आने-जाने वाले सभी सामानों और लोगों के लिए एक चेक प्वाइंट स्थापित किया गया था. बंदरगाह पर आने वाले 2 जहाजों पर प्लेग के कई मामलों के बाद पोवेग्लिया को 1793 से 1814 तक एक अलग-थलग कर दिया गया. वहीं जिस किसी में भी बीमारी के कोई लक्षण दिखे, या किसी को प्लेग हो गया तो उसे इस द्वीप पर लाकर जला दिया गया. इस तरह से इस द्वीप पर लगभग 1.60 लाख लोगों की सामूहिक कब्र बन गई.
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1922 में यहां की इमारतों में बनाया गया पागलखाना
उसके बाद साल 1922 में यहां की इमारत में पागलखाना बना दिया गया. ऐसा कहा जाता है कि एक डॉक्टर ने अपने मरीजों पर क्रूड लोबोटॉमी का प्रयोग किया, जिसमें उसने कई को यातनाएं दीं और मार डाला. उसने मरीजों को मारने के लिए हैंड ड्रिल जैसे टूल्स का उपयोग किया. जो आज भी कमरों में मौजूद हैं. आखिर में उसने बेल टॉवर से कूद जान दे दी. दावा किया जाता है कि आरोपी डॉक्टर लोगों की आत्माओं से परेशान था.
Source : News Nation Bureau