राष्ट्रीय राजधानी में साइक्लिस्ट बनने की चाहत रखने वाले नौवीं कक्षा के छात्र रियाज को शुक्रवार को ‘ईदी’ मिली जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उसे अपने सपने को साकार करने में मदद के लिये रेसिंग साइकल तोहफे में दी. राष्ट्रपति भवन के बयान के अनुसार, रियाज दिल्ली के आनंद विहार में सर्वोदय बाल विद्यालय का छात्र है और मूल रूप से बिहार के मधुबनी जिले का रहने वाला है. उसके परिवार में माता पिता के अलावा दो बहनें और एक भाई है और वे मधुबनी में ही रहते हैं.
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रियाज गाजियाबाद में महाराजपुर में किराये के कमरे में रहता है. इसमें कहा गया है कि उसके पिता रसोइये का काम करते हैं और अपने पिता की मदद के लिये वह खाली समय में गाजियाबाद में एक भोजनालय में बर्तन साफ करने का काम करता है. रियाज का सपना साक्लिस्ट बनने का है और वह अपनी पढ़ाई तथा काम के बीच मिले समय में इसके लिये कठिन अभ्यास करता है. साल 2017 में उसने दिल्ली राज्य साइक्लिंग प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था.
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गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट के अनुसार, उसने गुवाहाटी में स्कूली खेल प्रतियोगिता में हिस्सा भी लिया और राष्ट्रीय स्तर पर चौथा स्थान प्राप्त किया. राष्ट्रपति कोविंद को मीडिया की खबरों के माध्यम से रियाज के संघर्ष की कहानी मालूम हुई रियाज कोच प्रमोद शर्मा से पेशेवर प्रशिक्षण ले रहा है. शर्मा इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम दिल्ली में उसे नियमित प्रशिक्षण देते हैं. दुर्भाग्यवश, रियाज को अभ्यास के लिये उधार पर ली गई स्पोर्ट्स साइकिल पर निर्भर रहना पड़ रहा था और वह चाहता था कि उसकी अपनी एक साइकिल हो.
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इस ईद के मौके पर उसकी यह इच्छा पूरी हुई. बयान के अनुसार, ‘‘युवाओं को राष्ट्र निर्माण में प्रेरित करने के लिये राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने संघर्षरत लड़के रियाज को रेसिंग साइकिल भेंट करने के लिये चुना जो एक साइक्लिस्ट बनने का सपना देख रहा है.’’ राष्ट्रपति ने उसे शुभकामनाएं दी कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर का चैम्पियन बने और कठिन परिश्रम के जरिये अपने सपने को पूरा करे.
Source : Bhasha