माता-पिता जिसके पास 13 साल के बच्चे को विश्वास करके छोड़ गए थे, उसने लॉकडाउन (Lockdown) में बच्चों को निकाल बाहर किया. बच्चा कई दिन तक भूखा प्यासा पार्क में रहा. कुत्तों को पार्क में रोटी खिलाने पहुंची एक महिला की नजर जब बच्चे पर पड़ी तो मामले का भांडा फूटा. फिहलाह उड़ीसा कैडर के एक आईपीएस अधिकारी की मदद से अब बच्चा माता-पिता से मिल चुका है.
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घटना दिल्ली के द्वारका इलाके की है. बच्चे के बारे में उड़ीसा कैडर के जिस आईपीएस अधिकारी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा था उनका नाम अरुण बोथरा है. बकौल अरुण बोथरा, बच्चा कई दिन तक पार्क की बेंच पर ही लेटा-बैठा रहा. जब पार्क में कुत्तों को रोटी खिलाने जाने वाली महिला की नजर बच्चे पर पड़ी, तो वे उसे खाना खिलाती रहीं.
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उसके बाद एक एनजीओ की और सोशल मीडिया की मदद ली गई. जिसमें कामयाबी मिल गई. जैसे ही परिवार को पता चला वो बच्चे से मिलने दिल्ली पहुंच गया. हालांकि, बच्चे का परिवार समस्तीपुर में था. किसी आईपीएस अधिकारी संजय ने बच्चे के परिवार को पटना पहुंचाने का इंतजाम किया. फिलहाल बच्चा और परिवार अब साथ साथ हैं.
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