नागालैंड (Nagaland) के पूर्वी वर्धमान ज़िले के गुस्करा का रहने वाला एक रिक्शा चालक रातोंरात लखपति बन गया. कुछ दिन पहले तक वह अपने परिवार का पेट पालने के लिए रिक्शा चलाता था. इसके बावजूद इतनी कमाई नहीं होती थी कि उसके घर में चूल्हा जल सके. परिवार में विधवा मां, पत्नी, दो बेटियों और एक बेटा है. गृहस्थी की गाड़ी खींचने के लिए उसकी मां और पत्नी भी मज़दूरी करतीं थीं. लेकिन कहते हैं भगवान जब देता है तो छप्पर फाड़कर देता है. कुछ ऐसा ही उसके साथ भी हुआ.
रिक्शा चालक गौर दास रविवार को यूनियन सदस्यों के साथ पिकनिक पर जाने वाले थे, लेकिन तेज बारिश की वजह से पिकनिक का प्लान स्थगित हो गया. घर लौटते समय एक लाटरी विक्रेता ने उनसे लॉटरी का टिकट खरीदने की जिद करने लगा. उस वक्त दास के पास केवल 70 रुपये ही थे, इसलिए वे टिकट नहीं खरीदना चाहते थे. लेकिन, जब लॉटरी बेचने वाला बार-बार टिकट खरीदने के लिए कहता रहा, तब दास ने 30 रुपये में एक टिकट खरीद ही लिया.
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दास को शायद नहीं मालूम था कि नागालैंड (Nagaland) सरकार (Government) की स्टेट लाटरी (Lottery) का पचास लाख रुपये का पहला इनाम उसे मिल जाएगा. गौर दास रविवार की सुबह लॉटरी की दुकान पर परिणाम देखने गए थे. वहां उसे 50 लाख की लॉटरी लग गई. गौर तुरंत घर लौटे और यह खबर अपनी पत्नी को सुनाई. दास ने सोमवार को पास के बैंक में लॉटरी का टिकट जमा करा दिया.
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लॉटरी जीतने के बाद गौर दास कहते हैं कि वह एक नया घर बनाएंगे क्योंकि परिवार के छह सदस्यों का एक छोटे से घर में रहना काफी मुश्किल है. इस पैसे का इस्तेमाल वह अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा दीक्षा में भी करेंगे. लॉटरी लगने के बाद अब गौर रिक्शा छोड़कर ऑटो खरीद सकते हैं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो