Ruki River (Photo Credit: Social Media)
New Delhi:
Darkest River in The World: दुनिया के हर देश में सैकड़ों नदियां बहती हैं. इनमें कोई बहुत लंबी तो कोई बेहद छोटी होने का रिकॉर्ड अपने नाम रखती है. इसके अलावा किसी नदी का पानी बेहद साफ तो किसी का बेहद गंदा होता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी नदी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे दुनिया की सबसे काली नदी कहा जाता है. क्योंकि इस नदी में कोयले जैसा काला पानी बहता है. इसके पीछे क्या वजह है, ये जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. दरअसल, अफ्रीकी देश कांगो में रुकी नाम की एक नदी है. जिसमें काली पानी बहता है. इस नदी के काले पानी की वजह वैज्ञानिक इसके पानी में घुले हुए ऑर्गेनिक मैटर को मानते हैं.
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डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, रुकी नदी का पानी इतना काला है कि आप अपना चेहरा तो छोड़िए अपना हाथ भी धोना पसंद नहीं करेंगे. इस नदी को लेकर ईटीएच ज्यूरिख के रिसर्चर्स ने अपनी साइंटिफिक स्टडी को हाल ही में दुनिया के सामने पेश किया है. जिसमें उन्होंने बताया है कि रुकी नदी का काला रंग उसके आसपास के रेनफॉरेस्ट के घुलनशील कार्बनिक पदार्थों के पानी में मिलने की वजह से हुआ है. इस शोध के प्रमुख लेखक डॉक्टर ट्रैविस ड्रेक ने कहा, 'रुकी नदी जंगल की चाय है.'
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जानिए नदी का पानी क्यों है काला
बता दें कि अफ्रीकी देश कांगो में स्विट्ज़रलैंड के आकार से चार गुना बड़े ड्रेनेज बेसिन है. जिसमें सड़ते हुए पेड़-पौधों से कार्बन युक्त कंपाउंड्स निकलते हैं, जो बारिश और बाढ़ के चलते रुकी नदी में बहकर पहुंच जाते हैं. डॉक्टर ट्रैविस ड्रेक कहते हैं कि इन घुले हुए कार्बन कंपाउंड्स का पानी में घनत्व बहुत अधिक है. जो बिल्कुल वैसे दिखाई देता है जैसे कई टी बैग्स का इस्तेमाल करके बनाई की चाय हो. इसके साथ ही वैज्ञानिक ये भी बताते हैं कि रुकी नदी अमेजन की रियो नेग्रा से भी 1.5 गुना ज्यादा गहरी है.
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जिसे दुनिया की सबसे बड़ी काले पानी की नदी कहा जाता है. बता दें कि रुकी कांगो बेसिन का केवल बीसवां हिस्सा ही बनाती है, लेकिन कांगो में सभी घुलनशील कार्बन का पांचवां हिस्सा इस एक सहायक नदी में आकर मिलता है. रुकी बेसिन के नीचे भारी मात्रा में पीट बोग्स मिट्टी जमी हुई है. उनका अनुमान है कि कांगो बेसिन में पीट बोग्स में लगभग 29 बिलियन टन कार्बन जमा होने का अनुमान है.