पूरा देश कोरोना महामारी की चपेट में हैं. हर रोज कोरोना संक्रमितों की संख्या रिकॉर्ड बना रही तो रोजाना हो रही मौतें भी चिंता को और बढ़ी रही हैं. एक साल से अधिक वक्त होने के बाद भी महामारी को काबू में नहीं किया जा सका है. हालांकि संकट की इस घड़ी में दूसरों की मदद के लिए तमाम हाथ आगे बढ़ रहे हैं. कुछ लोग ऐसे भी हैं जो सबकुछ भूलकर दिलो जान लगाकर दूसरों की मदद करने में लगे हैं. ऐसे ही लोगों में गुजरात के राजकोट में रहने वाली सांस-बहू हैं, जिन्होंने दूसरी की जिंदगी बचाने के लिए अपने सारे पैसे और यहां तक गहने-जेवर भी दान कर दिए हैं.
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राजकोट में इन दिनों कोरोना वायरस के काफी केस सामने आ रहे हैं तो मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा चुकी हैं. मरीजों को बेड मिलना मुश्किल हो गया है. दवाई से लेकर ऑक्सीजन तक के लिए दर बदर भटकना पड़ रहा है. लोगों का यह दर्द राजकोट में रहने वाले निर्मला दावड़ा और उनकी बहू खुशबू आकाश दावड़ा से देखा नहीं जा रहा है. ऐसे में लोगों की स्थिति को देख कर सास और बहू की इस जोड़ी ने अपनी कमाई के पैसे कोरोना मरीजों के लिए दान करने का फैसला किया.
निर्मला दावड़ा और बहू खुशबू आकाश दावड़ा सामाजिक कार्य के साथ घर की जिम्मेदारी निभाती हैं. वह राजकोट में एक छोटे से मकान में रहती हैं. निर्मला दावड़ा और उनकी बहू खुशबु सिलाई का काम करती हैं. सास निर्मला जहां साड़ी में फॉल लगाती हैं तो बहू खुशबू मास्क बनाने का काम करती हैं. इससे हुई कमाई को अब उन्होंने दान कर दिया है. सास-बहू ने कुछ पैसों से ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे तो बाकी सामानों का हिसाब लगाकर राजकोट के कलेक्टर के पास जाकर अपना ब्लैंक चेक रख दिया.
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सास निर्मला दावड़ा का कहना है कि उनसे मरीजों की पीड़ा देखी नहीं जा रही. उन्होंने दान में अपने जेवर भी देने की बात कही है. इंसानों पर संकट के समय इस नेक काम में निर्मला की बहू खुशबू भी पीछे नहीं हैं. खुशबू ने अपने जेवर देने की बात कलेक्टर से की. अब सास निर्मला और बहू खुशबू के इस प्रयास की सराहना की जा रही है. सास-बहू की इस जोड़ी को लोग सलाम कर रहे हैं. जिले के कलेक्टर ने भी दोनों को सराय और नारीरत्न पुरस्कार देने की बात कही है.