ब्रह्मांड के रहस्यों की जानने की जितनी कोशिशें की जा रही हैं इंसान उसमें उतना ही उलझता जा रहा है. इसी बीच वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि ब्रह्मांड में हमेशा एक आवाज गूंजती रहती है. जो गुरुत्वाकर्षण तरंगों की आवाज है. दरअसल, दुनियाभर के तमाम वैज्ञानिक पिछले 15 सालों से इसके बारे में पता लगाने की कोशिश कर रहे थे. इसके बाद उन्हें ये सफलता प्राप्त हुई है. बता दें कि महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने तो बहुत पहले ही गुरुत्वाकर्षण तरंगों के अस्तित्व की बात कही थी. जो अब जाकर सच साबित हुई है. दुनियाभर के खगोलविदों की एक टीम ने गुरुत्वाकर्षण तरंगों की आवाज का पता लगाने में कामयाबी हासिल की है. इन सात भारतीय वैज्ञानिक भी शामिल हैं.
कैसे मिली कामयाबी
दरअसल, गुरुत्वाकर्षण तरंगों की आवाज का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने लो-पिच वाले दुनिया के 6 रेडियो टेलिस्कोप का इस्तेमाल किया. पुणे स्थित मेट्रोवेव रेडियो टेलीस्कोप (UGMIT) को भी इसमें शामिल किया गया. वैज्ञानिकों के मुताबिक, ब्रह्मांड में हमेशा एक आवाज गूंजती रहती है. जो गुरुत्वाकर्षण तरंगों की है. गौरतलब है कि महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने आज से करीब सौ साल पहले ही गुरुत्वाकर्षण तरंगों के बारे में भविष्यावाणी कर दी थी. इस खोज को द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में पिछले महीने छापा गया था.
190 वैज्ञानिकों की टीम ने 15 साल तक किया शोध
इस खोज को करने के लिए दुनियाभर के 190 वैज्ञानिकों की टीम को 15 साल तक कड़ी मेहनत करनी पड़ी. तब जाकर गुरुत्वाकर्षण तरंगों की खोज की जा सकी. बता दें कि पुणे स्थित मेट्रोवेव रेडियो टेलीस्कोप ने ब्रह्मांड से मिलने वाले सिग्नलों की जानकारी जुटाई. जिससे उनकी सटीकता का पता लगा. वैज्ञानिकों की टीम में शामिल एक भौतिक वैज्ञानिक जेवियर सीमेंस का कहना है कि मैं इसे समूह के तौर पर देख रहा हूं. पहले कहा जाता था कि ब्रह्मांड में कोई ध्वनि नहीं है, लेकिन वैज्ञानिकों ने अब ध्वनि की खोज कर ली है.
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क्या होता है गुरुत्वाकर्षण
बता दें कि जब ब्लैक होल आपस में टकराते हैं तो गुरुत्वाकर्षण तरंगें निकलती है. सामान्य भाषा में इसे ऐसे समझा जा सकता है कि गुरुत्वाकर्षण तरंगें किसी भी वस्तु के घूमने से पैदा होती हैं. अल्बर्ट आइंस्टीन ने सालों पहले ही इसकी भविष्यवाणी की थी कि गुरुत्वाकर्षण तरंगें लगभग पूरी तरह से प्रकाश की गति से हर चीज से होकर गुजरती हैं. इस खोज से ब्रह्मांड में एक नया रास्ते खुलेगा जो इसके रहस्यों को समझने में भी मदद करेगा. बता दें कि इस खोज के लिए उत्तरी अमेरिका, यूरोप, चीन, भारत और ऑस्ट्रेलिया में रेडियो दूरबीनों का इस्तेमाल किया गया.
HIGHLIGHTS
- ब्रह्मांड में गूंजती रहती है ये आवाज
- 15 सालों की मेहनत के बाद चला पता
- 190 वैज्ञानिकों की टीम ने किया शोध
Source : News Nation Bureau