People Sleep While Walking: स्वस्थ व्यक्ति के लिए 8 घंटों की नींद काफी मानी जाती है. डॉक्टर्स भी मानते हैं कि अगर आप आठ घंटे चैन से सो रहे हैं तो पूरे दिन एनर्जी से काम कर सकते हैं. वहीं कुछ लोग ज्यादा सोने की आदी होते हैं. कोई व्यक्ति 10 से 11 घंटे सोता है तो हैरान वाली बात नहीं मानी जानी चाहिए लेकिन क्या हो जब लोग सारा- सारा दिन ही सोने में निकाल दें. दिमाग की घंटी जरूर बजेगी जब कहें कि लोग रास्ते में चलते- चलते सो जाते हैं. जी हां, ये सुन कर आप दंग होंगे की भला ये क्या किस्सा है. इस बात से वैज्ञानिक तक हैरान है कि ये क्या मांझरा है. दरअसल हम यहां कजाकिस्तान के कलांची गांव का जिक्र रहे हैं. इस गांव के लोग स्लीपिंग डिस्ऑर्डर (Sleeping Disorder) से जूझ रहे हैं.
चलते- चलते ही नींद के आगोश में समा जाते हैं लोग
कजाकिस्तान के इस गांव में लोग चलते- चलते नींद के आगोश में समा जाते हैं. यह अजीबोगरीब मामला पहली बार साल 2010 में सामने आया था. जहां कुछ स्कूली बच्चों में स्लीपिंग डिस्ऑर्डर (Sleeping Disorder)देखा गया. यहां स्कूली बच्चे अचानक गिर गए और हैरत की बात रही कि वे जमीन पर गिर कर गहरी नींद में चले गए. इसके बाद ये डिस्ऑर्डर पूरे गांव में फैल गया.
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वैज्ञानिकों के भी दिमाग चकराए
शुरुआत में जब ये मामला सामने आया तो वैज्ञानिक भी इस गुत्थी को सुलझा ना पाए. वैज्ञानिकों के दिमाग भी चकराने लगे कि भला ऐसा होना कैसे मुमुकिन हो सकता है कि लोग चलते- चलते सोने लगे. रिसर्च के बाद कुछ वैज्ञानिकों ने माना कि इस गांव में यूरेनियम गैस की वजह से ऐसा हो रहा है. गांव में यूरेनियम गैस के रिसाव से हर शख्स यहां चलते- चलते सो जाता है.
HIGHLIGHTS
- गांव में साल 2010 में आया था पहला मामला
- स्कूली बच्चे अचानकर गिर गए और सो गए