सोशल मीडिया पर बड़ी से बड़ी हस्ती कभी ट्रोल होकर अर्श से फर्श पर आ जाती है तो कभी यही मीडिया किसी सामान्य व्यक्ति को सड़क से उठाकर माथे पर बैठा लेता है. सोशल मीडिया पर मिली शोहरत ने कई ऐसे लोगों की जिंदगी बदल दी जो गुमनामी के अंधेरे में थे. इस समय हम बात कर रहे हैं 'गुदड़ी की लता' रानू मंडल और 'गुदड़ी के हबीब' कुशीनगर की दो बहनों की. कोलकाता के रेलवे स्टेशन पर लता मंगेशकर का गाया हुआ गीत 'एक प्यार का नगमा है' गाकर रातोंरात सोशल मीडिया की रानी बन चुकीं रानू मंडल अब बॉलीवुड पहुंच गई हैं. वहीं कुशीनगर की दो बेटियों ने मर्दों के बाल काटकर न केवल सचिन तेंदुलकर की तारीफ बटोरीं बल्कि जिलेट ब्लेड ने उन्हें अपना ब्रांड अंबेसडर बना लिया. आइए जानें दोनों की संघर्षों की कहानी...
सबसे पहले बात उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव बनवारी टोला की दो बेटियों की. जिनके कसीदें सचिन तेंदुलकर से लेकर दंगल गर्ल फातिमा सना शेख और सान्या मल्होत्रा, राधिका आप्टे और हेयरस्टाइलिस्ट आलिम हकीम ने भी पढ़े. नेहा और ज्योति के पिता ध्रुव नारायण छोटी सी गुमटी में नाई की दुकान चला रहे थे. किसी तरह गृहस्थी चल रही थी लेकिन एक मनहूस शाम उन्हें लकवा मार गया. उस वक्त नेहा की उम्र 11 साल थी और ज्योति की 13 साल.
पिता के इलाज और खुद की पढ़ाई के लिए नेहा और ज्योति ने पिता की दुकान संभाल ली. दोनों लड़कों जैसे कपड़े पहनकर हेयर कटिंग से लेकर शेव और नाई का सारा काम करने लगीं. शुरुआत में दोनों लड़कियों को काफी परेशानी हुई लेकिन बाद में लोगों ने उन्हें स्वीकार लिया. अब दोनों पिता के इलाज और खुद की पढ़ाई के लिए वो ये काम कर रही हैं. दोनों लड़कियां मर्दों की शेविंग से लेकर चंपी तक करती हैं. दोनों बच्चियों की कहानी जब मीडिया में आई तो शेविंग ब्लेड बनाने वाली कंपनी जिलेट (Gillette) ने एक विज्ञापन तैयार कि जिसमें दोनों लड़कियां मर्दों की शेविंग और चंपी करती दिखाई दे रही हैं. यह वीडियो जैसे ही वायरल हुआ फिर तो दोनों की तारीफ में लोग कसीदें पढ़ने लगे.
सचिन तेंदुलकर ने दोनों ही लड़कियों की पढ़ाई को स्पॉनसर किया है जिसकी फोटो सोशल मीडिया पर भी उन्होंने साझा की. साथ ही करन कुंद्रा ने भी इन दोनों लड़कियों से शेव कराते हुए की तस्वीर साझा की . एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने भी अपने इंस्टाग्राम पर इनका ये वीडियो शेयर किया.
कोलकाता के स्टेशन से हिमेश के स्टूडियो तक, रानू मंडल
सोशल मीडिया पर एक महिला का गाना गाते हुए वीडियो काफी वायरल हुआ था, जिसमें वह लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) द्वारा गाया हुआ गाना 'एक प्यार का नगमा' गा रही थी. साल 1972 में रिलीज हुआ सॉन्ग एक प्यार का नगमा है फिल्म शोर का है. गाने को लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) और मुकेश ने मिलकर गाया था. महिला की आवाज में गाए हुए इस गाने ने सोशल मीडिया खूब वाहवाही लूटी थी. देखते ही देखते ये महिला अपने गाने की वजह से रातों-रात स्टार बन गई. रेलवे स्टेशन पर गाना गाने वाली महिला का नाम रानू मंडल है.
रानू मंडल (Ranu Mandal) अब बच्चों के सिंगिंग रिएलिटी शो 'सुपरस्टार सिंगर' के आने वाले एपिसोड में नजर आएंगी. रानू बॉलिवुड में भी डेब्यू कर चुकी हैं उन्हें यह पहला मौका हिमेश (Himesh Reshammiya) ने अपनी अगली फिल्म में दिया है. हिमेश रेशमियां (Himesh Reshammiya) ने इंस्टाग्राम पर इसका वीडियो भी शेयर किया है. इस वीडियो में रानू गाना रिकॉर्ड करती नजर आ रही हैं. हिमेश के इस वीडियो को देखकर लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं.
आज शोहरत मिली तो 10 साल बाद बेटी भी मिलने पहुंच गई. रानू की कहानी सुनकर किसी की भी आंखों में भी पानी आ सकता है. गरीबी ने रानू को इस कदर डिप्रेस्ड किया कि वह घरबार छोड़कर मुंबई की सड़कों पर अकेले भटकने लगी थी, पति और बेटी को छोड़कर वह अकेले अपना जीवन गुजारने लगी.
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वेस्ट बंगाल के कृष्णानगर में जन्मी रानू मंडल ने बचपन में ही अपनी मां को खो दिया था. इसके बाद वह राणाघाट स्थित अपनी मौसी के यहां रहने लगी. 19 साल की उम्र में पड़ोस में रहने वाले बबलू मंडल से उनकी शादी हो गयी. दंपति रोजगार के लिए मुंबई रवाना हुआ लेकिन गरीबी का निवारण नहीं हो पाया, तंग आकर रानू ने घरबार छोड़ दिया और मुंबई की सड़कों पर भटकने लगी.
रानू ने ट्रेन में गाकर पैसा मांगना शुरू किया. रानू को बचपन से सिंगिंग का शौक था. 20 साल की उम्र में वह ऑर्केस्ट्रा के साथ कई जिलों में टूर पर जाती थीं. उनकी आवाज में बॉबी फिल्म के गाने सुनने के बाद लोग उन्हें रानू-बॉबी कहते थे.कोलकाता रेलवे स्टेशन पर रानू को गाते हुए देखा तो उसका वीडियो बनाकर फेसबुक पर अपलोड कर दिया. इसके बाद रानू रातों-रात स्टार बन गईं
Source : दृगराज मद्धेशिया