मौत से पहले कराई बेटी की शादी, वर-वधू को दिया आशीर्वाद और फिर सभी को छोड़ दुनिया को कहा अलविदा

अपनी मौत से ठीक पहले राजकुमार ने बेटी की शादी कराई. वर-वधू को अपना आशीर्वाद दिया और फिर दुनिया को अलविदा कह दिया.

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Dalchand Kumar
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Ghaziabad Marriage

बेटी की डोली से पहले उठी पिता की अर्थी, वर-वधू को आशीर्वाद के बाद मौत( Photo Credit : फाइल फोटो)

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हर पिता की इच्छा होती है कि उसकी बेटी की शादी उसकी आंखों के सामने और उसके जीते जी हो. दिल्ली से सटे गाजियाबाद के रहने वाले राजकुमार की भी कुछ यही इच्छा थी कि वह अपनी बेटी के हाथों में मेहंदी लगती और उसे दुल्हन बनते देखे. बस इसी अच्छा को पूरा करने के लिए राजकुमार ने अपने सांसों को थामे रखा होगा. इसके लिए मौत से कुछ वक्त के लिए लड़ा होगा. अपनी मौत से ठीक पहले राजकुमार ने बेटी की शादी कराई. वर-वधू को अपना आशीर्वाद दिया और फिर दुनिया को अलविदा कह दिया. कुछ देर पहले जहां परिवार में शादी का माहौल था, इस घटना के बाद वहां मातम छा गया. बेटी की डोली उठने से पहले ही पिता की अर्थी उठ गई.

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दरअसल, राजकुमार अपने बेटा-बेटी और पत्नी के साथ गाजियाबाद के इंदिरापुरम स्थित शिप्रा सनसिटी सोसायटी में रहते थे. कुछ वक्त पहले राजकुमार की दोनों किडनी खराब हो चुकी थीं. पत्नी ने अपनी एक किडनी दे दी तो बाद में ट्रांसप्लांट हुआ. मगर बताया जाता है कि किडनी ट्रांसप्लांट होने के बाद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आ रहा था. इस बीच पिछले दिनों उन्होंने अपनी बेटी पारुल की शादी विजय नगर निवासी एक युवक के साथ तय की थी. बेटी की शादी की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थीं और घर पर मेहमान आ रहे थे. घर परिवार में खुशी का माहौल था, बेटी के हाथों में मेहंदी लगाई जा रही थी.

इन खुशियों के बीच राजकुमार को कुछ दिक्कत हुई और वह अचानक से गिर गए. बताया जाता है कि उन्हें कोरोना संक्रमण के लक्षण थे. शरीर में ऑक्सीजन का स्तर लगातार गिर रहा था. इसके बाद वहां माहौल बदला गया. पिता की जान बचाने के लिए खुद दुल्हन बनने जा रही बेटी 29 अप्रैल की रातभर अस्पतालों में भटकती रही. मंगेतर भी अपने होने वाले ससुर को बचाने के लिए इधर उधर भटकता रहा. राजकुमार के लिए किसी अस्पताल में बेड नहीं मिला. राजकुमार की हालत बिगड़ती जा रही थी.

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पिता की आखिरी अच्छी पूरी हो सके इसके लिए स्थानीय पार्षद ने लड़का पक्ष से बात करके शादी का कार्यक्रम आगे बढ़वाया. सोसायटी के मंदिर से पुजारी को बुलाया गया. मंत्रोच्चारण के साथ लड़का और लड़की की शादी की रस्में कराई जा रही थीं. जयमाला पड़ी और राजकुमार ने बेटी की शादी देखी. शादी की रस्में पूरी होने के बाद राजकुमार ने बेटी और दामाद को आशीर्वाद दिया. यह सबसे देखने को लिए राजकुमार ने मौत से जंग लड़ी. लेकिन कुछ ही वक्त बाद राजकुमार की आंखें बंद होने लगीं. बेटी की डोली उठती कि उससे पहले ही राजकुमार ने सभी को छोड़ दुनिया को अलविदा कह दिया.

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