The Land Of Fire: यूरोप से सटा एक एशियाई देश है अजरबैजान. अजरबैजान की सीमाएं ईरान से जुड़ी हैं, तो रूस से भी जुड़ी हैं. वो यूरोपीय देशों के साथ भी सीमा साझा करता है, तो तुर्की जैसे यूरेशियन देश के साथ भी. ये देश लैंड ऑफ फायर ( The Land of Fire ) के नाम से भी जाना जाता है. इसकी वजह है राजधानी बाकू के आसपास के एक इलाके में लगातार आग का जलना. ये आग एक पहाड़ी की तलहटी से निकल रही है, जिसपर खराब मौसम, बारिश, ठंड किसी भी चीज का कोई असर नहीं होता. इस आग को लोग रहस्यमयी भी मानते हैं और ईरान के पारसी धर्म ( जरथुस्त्रवाद धर्म) की अग्नि पूजा से भी जोड़कर इसे देखा जाता है.
यानार दाग के नाम से मशहूर
जिस छोटी पहाड़ी की तलहटी में ये आग जल रही है, उसे यानार दाग ( Yanar Dagh ) नाम से जाना जाता है. इस शब्द का अंग्रेजी में मतलब होता है 'जलता हुआ पहाड़'. ये आग बहुत कम तेज या धीमी होती है. ये करीब 3 मीटर की ऊंचाई तक ही जलती रहती है. ये जगह कैस्पियन सागर के नजदीक भी पड़ता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, प्राकृतिक गैस की वजह से ये आग लगी है, लेकिन इसका स्रोत कब तक अक्षुण्ण बना रहेगा, अभी तक ये पता नहीं चल पाया है.
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ईरान से क्या है ताल्लुकात?
प्राचीन इतिहास में जरथुस्त्रवाद नाम का धर्म था. जेद अवेस्ता इसकी पवित्र किताब है. अब भी दुनिया में कुछ लोग इस धर्म को मानने वाले बचे हैं, लेकिन अधिकांश भारत में ही हैं. भारत में इन्हें पारसी कहा जाता है. पारसी धर्म दुनिया के सबसे पुराने धर्मों में से एक है. इस धर्म की मान्यताओं में आग की पूजा अहम हिस्सा है. पारसी धर्म के लोग ईरान से निकल कर हिंदुस्तान में बसे हैं. पर पहले ये ईरान (फारस) का राजधर्म भी था. फारस से ही इसे भारत में पारसी नाम मिला. फारस साम्राज्य काफी बड़ा था, जिसमें आज का अजरबैजान, अफगानिस्तान से लेकर ग्रीक देश की सीमा तक का इलाका आता था. इस अनरवत जलती आग को इसीलिए पारसी धर्म से भी जोड़कर देखा जाता था. हालांकि अब इस जगह को पर्यटक स्थल में बदल दिया गया है और आज दुनिया के कोने-कोने से लोग 'लैंड ऑफ फायर' को देखने यानार दाग की तलहटी में पहुंचते हैं. अब सरकार ने यहां पर एक म्यूजियम बनवा दिया है.
HIGHLIGHTS
- अजरबैजान में रहस्यमयी तरीके से जल रही आग
- आग की शुरुआत का कोई अता-पता नहीं
- ईरानी जरथ्रुस्तवाद में आग की पूजा से भी जुड़ा है रहस्य