बिटिया के हाथों में रची मेंहदी.. विवाह के गूँजते गीत और बारातियों का स्वागत कर माता-पिता का फर्ज निभाते शिक्षक. यह नजारा शुक्रवार को रीठी विकासखंड के मुहांस शिव मंदिर परिसर में देखने को मिला. जहां पर एक गरीब कन्या का विवाह धूमधाम से उसके परिवार ने नहीं बल्कि क्षेत्र के शिक्षकों ने कराया. युवती की बारात का स्वागत करने के साथ ही संपूर्ण खर्च शिक्षकों ने उठाया और बेटी को विदा करते हुए उसे गृहस्थी का सामान भी उपहार के रूप में भेंट किया. पूरा मामला कटनी जिले के रीठी विकासखंड के भदनपुर गांव का है जहां गरीब तबके से आने वाली वंदना भुमिया का व्याह शिक्षको ने वहन किया इसकी वजह वंदना के पिता की मृत्यु बहुत पहले ही हो गई थी. उसके बाद मां भी छोड़कर चली गई थी.
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उसके साथ उसकी एक और छोटी बहन है और दोनों का लालन पालन वृद्ध दादा खुशाली भुमिया कर रहे थे. खुशाली की परिस्थिति ऐसी नहीं थी कि वे अपनी नातिन का विवाह धूमधाम से कर सके. इस बात की जानकारी जनशिक्षा केन्द्र बड़गांव के शिक्षकों को लगी. जिसके बाद सभी ने मिलकर बेटी का विवाह करने का निर्णय लिया. खुशाली ने वंदना का विवाह खम्हरिया जिला पन्ना निवासी धर्मेंद्र भुमिया के साथ तय किया और शिक्षकों ने मिलकर जनशिक्षक विपिन तिवारी के संयोजन में 13 मई को मुहांस शिव मंदिर में विवाह समारोह का आयोजन किया.
मंदिर परिसर में जनशिक्षा केन्द्र बड़गांव के साथ ही अन्य स्कूलों के शिक्षकों ने भी समारोह में पहुंचकर सहयोग प्रदान किया. खम्हरिया से आई बारात का स्वागत शिक्षकों ने परिजनों के साथ किया और उसके बाद विवाह की सभी रस्में भी माता-पिता बनकर पूरी कराई. विवाह गीतों से मंदिर परिसर गूंजता रहा और शाम को गृहस्थी का सभी समान देकर वंदना को विदा किया गया.
Source : News Nation Bureau