Advertisment

Time Travel: इस ट्वीप पर भविष्य में जा सकता है इंसान, जानिए क्या होती है टाइम ट्रैवल

Mysterious Island for Time Travel: धरती के एक ऐसे स्थान के बारे में कहा जाता है वहां टाइम ट्रैवल संभव है. हालांकि इस पर ज्यादातर लोग यकीन नहीं करेंगे. दरअसल, डायोमीड नाम का एक द्वीप है जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां टाइम ट्रैवल किया जा सकता है. इ

author-image
Suhel Khan
New Update
Time travel2

Time Travel ( Photo Credit : Social Media)

Advertisment

Mysterious Island for Time Travel: अक्सर टाइम ट्रैवलिंग यानी भविष्य में जाने की खबरें सामने आती रहती हैं. कई लोग टाइम ट्रैवल करने का दावा भी कर चुके हैं. जिसमें इन्होंने ऐसे दावे किए जिसे जानकर किसी के भी होश उड़ जाएं. टाइम ट्रैवल का दावा कर चुके लोगों का कहना था कि वो सैकड़ों साल पहले की यात्रा कर वापस आ गए. यही नहीं उन्होंने भविष्य में होने वाली कई घटनाओं के बारे में भी बताया. ऐसे में सवाल पैदा होता है कि क्या हम भी भविष्य को देख सकते हैं या भविष्य में जाकर वापस लौट सकते हैं. कई सालों तक चले शोध के बाद भी वैज्ञानिक भी इसका जवाब नहीं तलाश पाए. लेकिन किसी ने टाइम ट्रैवल की संभावना से इनकार नहीं किया. हालांकि वही सवाल आज भी बरकरार है कि आखिर टाइम ट्रैवल किया जा सकता है या फइर इसके लिए कोई टाइम मशीन बनाई जा सकती है.

ये भी पढ़ें: इस ग्रह पर पानी की नहीं बल्कि होती है पत्थरों की बारिश, चलती हैं तूफानी हवाएं

118 साल पहले अल्बर्ट आइंस्टीन ने दिया था ये सिद्धांत

साल 1905 में मशहूर वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने एक सिद्धांत दिया था, जिसे सापेक्षतावाद नाम के जाना गया. जिसमें उन्होंने बताया कि ब्रह्मांड में टाइम और स्पेस, चादर के रूप में एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. अल्बर्ट आइंस्टीन के सिद्धांत में कहा गया कि गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव से यह चादर नीचे की तरफ मुड़ती है, जिससे रेखा में बदलाव दिखाई देता है. वर्तमान में वैज्ञानिकों ने इसी सिद्धांत के आधार पर टाइम ट्रैवल करने के लिए कई तरीकों की खोज की है, जिनके इस्तेमाल से समय यात्रा करना संभव हो सकता है.

publive-image

यहां संभव है टाइम ट्रैवल!

यही नहीं धरती के एक ऐसे स्थान के बारे में कहा जाता है वहां टाइम ट्रैवल संभव है. हालांकि इस पर ज्यादातर लोग यकीन नहीं करेंगे. दरअसल, डायोमीड नाम का एक द्वीप है जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां टाइम ट्रैवल किया जा सकता है. इस द्वीप को बिग डायोमीड और लिटिल डायोमीड में बांटा गया है. यह द्वीप अमेरिका और रूस को जोड़ता है. इसकी खास बात ये है कि इसके एक छोर से दूसरे छोर तक का सफर टाइम ट्रैवेलिंग का होता है, क्योंकि यहां पहुंचकर इंसान भूतकाल से भविष्य में पहुंच जाता है.

ये भी पढ़ें: Mysterious Island: इस खूबसूरत आइलैंड पर साल में सिर्फ एक बार जा सकते हैं लोग, जानिए क्यों?

यहां भविष्य में पहुंच जाते हैं इंसान

बताया जाता है कि बिग डायोमीड और लिटिल डायोमीड के बीच की दूरी सिर्फ 4.8 किलोमीटर है. इसके बाद भी लोग भूत और भविष्य का सफर कर लेते हैं. माना जाता है कि प्रशांत महासागर से गुजरने वाली इंटरनेशनल डेट लाइन के चलते ऐसा होता है. इस लाइन से बिग डायोमीड और लिटिल डायोमीड के बीच एक दिन का अंतर हो जाता है. बता दें कि उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव से जाने वाली इंटरनेशनल डेट लाइन एक काल्पनिक रेखा है. जो कैलेंडर के एक दिन और दूसरे दिन के बीच की सीमा है. जिसमें बिग डायोमीड को आने वाला कल और लिटिल डायोमीड को बीते हुआ द्वीप के नाम से जानते हैं.

publive-image

1728 में हुई इस द्वीप की खोज

बता दें कि इस द्वीप पर जब बर्फ जमती है तब एक पुल बन जाता है. इस पुल के जरिए दोनों पर लोग पैदल ही यात्रा कर सकते हैं. अगर कोई एक छोर से सोमवार को चलेगा तो दूसरे छोर तक मंगलवार को पहुंचेगा. इसी तरह वह भविष्य से अतीत में भी वापस लौट सकते हैं. हालांकि काननू की इजाजत के बिना ऐसा कर पाना किसी के लिए संभव नहीं है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने 1987 में रूस से अलास्का को खरीदा था. तब दोनों देशों की तरफ से बिग डायोमीड और लिटिल डायोमीड के माध्यम से सीमा को रेखांकित किया गया. इन दोनों द्वीपों का नाम डेनिश-रशियन नाविक विटस बेरिंग ने रखा. उन्होंने 16 अगस्त, 1728 को इन द्वीपों की खोज की थी.

Source : News Nation Bureau

Weird News time travelling time travel time travelling island Diomedes islands
Advertisment
Advertisment