जापान एक बार फिर तबाही की चपेट में है... अभी कुछ घंटों पहले ही देश के उत्तरी मध्य हिस्से में 7.4 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे इशिकावा, निगाटा और टोयामा प्रान्त के तटीय क्षेत्रों में भारी नुकसान की खबरें हैं. वहीं इसके फौरन बाद जापानी मौसम विज्ञान एजेंसी ने इलाके में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी है. आशंका है कि, समुंदर में 5 मीटर तक की उग्र लहरें उठ सकती हैं. इसके मद्देनजर लोगों को तटीय क्षेत्र छोड़ इमारतों के ऊपर या ऊंची जगहों पर जाने की हिदायत दी है...
गौरतलब है कि, हर मिनट बढ़ते खतरे के बीच लोगों में खौफ बैठ गया है. अपनी जान बचाने के लिए लोगों के बीच अफरा-तफरा का मंजर है. ऐसे में एक बार फिर लोगों के मन में सवाल है कि, आखिर सुनामी आती कैसे है? तो चलिए इसे दो सवालों से समझें...
पहला. सुनामी का मतलब क्या है?
मालूम हो कि, सुनामी शब्द तुस और नामी से मिलकर बना है, जिसका मतलब है बंदरगाह या तट और लहर. इसके पेश आने की सबसे बड़ी 2 वजह होती है, या समुद्र के अंदर भूकंप की हलचल या फिर ज्वालामुखी फटना और धमाका होना या लैंडस्लाइड. इन्हीं दो मुख्य वजहों से सुनामी आती है.
गौरतलब है कि, समुद्र के भीतर या बहुत करीब भूकंप आने से पानी की ऊपरी परतें खिसकर लहरें बनकर तट की ओर बढ़ने लगती है, जिसे सुनामी कहा जाता है. इसका सबसे ज्यादा खतरा तटीय इलाकों पर होता है. हालांकि कई बार भूकंप का बहुत ज्यादा असर नहीं होता है, न ही सुनामी पैदा होती है. मगर जब सुनामी आती है, तो जान-माल का बहुत ज्यादा नुकसान होता है.
दूसरा. समुद्र के अंदर भूकंप कैसे आता है?
ये पूरी वैज्ञानिक प्रक्रिया है. असल में धरती की ऊपरी परत फुटबॉल के टुकड़ों की तरह ही एक साथ जुड़ी होती है. पृथ्वी की बाहरी सतह कई कठोर खंडों या टेक्टोनिक प्लेट्स में बंटी हुई है, ऐसे में ये प्लेट जब आपस में टकराती हैं, तो इससे घर्षण होता है, जिससे भूखंड या पत्थरों में दरारें टूट सकती हैं. इससे तेज हलचल होती है, जिससे भूकंप के तौर पर तबाही होती है. हालांकि इसकी सबसे खराब बात ये है कि, इसका पहले से पता नहीं लगा सकते हैं.
Source : News Nation Bureau