LGBT Community: कहते हैं भगवान ने इंसान को स्त्री और पुरुष के रूपों में ही धरती पर भेजा है. लेकिन कहने वाले ने ये नहीं कहा कि तीसरे लिंग का भी जन्म इस धरती पर हो सकता है. जिसे ना तो स्त्री माना जाता है ना ही पुरुष. थर्ड जेंडर की विधा कोई नई नहीं है. स्त्री और पुरुष के जन्म के साथ ही थर्ड जेंडर का जन्म भी हुआ होगा. हालांकि यह तीसरा लिंग कभी खुलकर सामने नहीं आया.
कई पौराणिक कथाओं में ऐसे चरित्रों की जानकारी भी मिलती है जो इस तीसरे लिंग से ही संबंध रखते थे. बदलते समय के साथ ऐसे समुदाय अपने अधिकारों के लिए सामने आ रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं अभी तक भारत में समलैंगिक विवाह को कानूनी नहीं माना जाता है. यानि ऐसे दो लोग जो एक ही लिंग के हैं उनकी शादी को कानून मान्यता नहीं देता है.
क्या है एलजीबीटी समुदाय
एलजीबीटी समुदाय अब नया शब्द नहीं रहा, बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी है कि स्त्री और पुरुष से अलग तीसरा लिंग भी समाज का ही एक हिस्सा है. ऐसे लोगों की पहचान चार कैटेगरी में होती है. पहली कैटेगरी जब एक महिला का महिला से प्यार हो, उन्हें लेस्बियन कपल कहा जाता है. इसी तरह पुरुष का पुरुष से प्रेम गे कपल कहलाते हैं. लेकिन जब एक शख्स स्त्री या पुरुष होते हुए भी दोनों ही लिंगो में रुचि रखे तो उसे बाइसेक्सुल कहा जाता है. वहीं ट्रांसजेंडर उन लोगों को कहा जाता है जो जन्म से ही स्त्री शरीर में पुरुष होना महसूस करते हैं या पुरुष शरीर में स्त्री होना महसूस करते हैं.
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कैसे रह सकते हैं साथ
स्त्री का पुरुष के लिए आकर्षण या पुरुष में स्त्री के लिए आकर्षण का कारण हार्मोन्स बनते हैं. यानि शरीर के भीतर इस हलचल पर किसी का जोर नहीं, यह गुण प्रकृति से ही मिलता है. कई बार एक ही जेंडर के लोग साथ रहना चाहते हैं ऐसे में उनके साथ रहने पर हमेशा से परेशानियां आती रहीं हैं हालांकि साल 2018 में सु्प्रीम कोर्ट साफ कर चुका है कि ऐसे रिश्ते अपराध के श्रेणी में नहीं आएंगे. अपनी इच्छा से कोई कपल साथ रहना चाहता है वह रह सकता है लेकिन अभी भी ऐसे रिश्तों में विवाह को कानूनी मंजूरी नहीं मिली है. इसके बावजूद भी ऐसे कई कपल सामने आए हैं, जिन्होंने परिवार का सपोर्ट पाकर शादी भी रचाई है.
Source : Shivani Kotnala