मीम्स ने सोशल मीडिया की दुनिया में एक अलग जगह बना ली है. आज मीम्स की दुनिया इतनी बड़ी हो गई है कि अगर आप मीम्स देखना शुरू करेंगे तो पूरा दिन खत्म हो जाएगा लेकिन मीम्स खत्म नहीं होंगे. आपको जिस तरह के मीम्स पसंद हैं वो आपको देखने को मिलते हैं. उदाहरण के तौर पर अगर किसी को राजनीति में दिलचस्पी है तो उसे राजनीति से जुड़े मीम्स देखने को मिल जाते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि मीम्स की कॉन्सेप्ट कहां से आई?
मीम्स एक आर्ट है, जिसे आमतौर पर मुद्दों या प्रसिद्ध व्यक्तियों के लिए तथा विभिन्न सामाजिक मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों पर शेयर किया जाता है. मीम्स अक्सर एक छवि, वीडियो, या पाठ के साथ एक हास्यास्पद या विचारवान मंच के रूप में प्रस्तुत होते हैं. तो चलिए आपको आज हम मीम्स के बारे में बताते हैं.
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इस शब्द का पहली बार कहां हुआ था जिक्र
मीम्स का शब्दिक उत्पत्ति यूनानी शब्द "मीमेमा" से हुआ है, जिसका अर्थ होता है "नकल" या "कॉपी". मीम्स का प्रयोग पहली बार डब्ल्यूएस स्कॉट व्हाइटल द्वारा 1976 में उनकी पुस्तक "थे सेल्फिश जीन" में किया गया था, जिसमें उन्होंने विचारवादी अनुसंधान किया. मीम्स का प्रसार इंटरनेट की उपस्थिति के साथ और भी बढ़ गया. यहां, व्यक्तिगत और सामाजिक मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों पर उपयोगकर्ताओं द्वारा नवीनतम समाचार, मूड, और अद्भुतता के अनुभवों को साझा करने का एक माध्यम बन गया है.
मीम्स कितने तरह के होते हैं?
मीम्स के कई प्रकार होते हैं, जैसे कि फोटो मीम्स, वीडियो मीम्स, जीआईएफ़, और टेक्स्ट मीम्स. इनमें से हर एक प्रकार का मीम्स अपनी खासियतों और प्रसिद्धियों के लिए अलग होता है. सामाजिक मीडिया पर मीम्स का उपयोग अब एक व्यापक सामूहिक मनोरंजन और सामाजिक संचार का माध्यम बन गया है, जो विभिन्न आदमियों और समुदायों को एक साथ लाता है. इसके अलावा, मीम्स का प्रयोग राजनीतिक, सामाजिक, और व्यापारिक संदेशों को प्रसारित करने के लिए भी किया जाता है. इस प्रकार, मीम्स आजकल आम लोगों के बीच एक महत्वपूर्ण और मनोरंजनात्मक सामाजिक माध्यम बन गए हैं, जो लोगों को एक-दूसरे के साथ जोड़ने और हंसाने का माध्यम प्रदान करते हैं.
Source : News Nation Bureau