हम बचपन से सुनते आ रहे हैं कि जब शरीर से आत्मा निकल जाती है तो इंसान की मृत्यु हो जाती है. आत्मा एक शरीर को छोड़कर दूसरे शरीर में चली जाती है, यानी अगला जन्म लेने वाले व्यक्ति के शरीर में फिट होने के लिए चली जाती है. इसके साथ ही हम यह भी सुनते आए हैं कि जब हम मरते हैं तो अगला जन्म भी होता है और जब जन्म होता है तो यह तय हो जाता है कि व्यक्ति किस योनि में जन्म लेगा. ऐसा कहा जाता है कि व्यक्ति का अगला जन्म उसके कर्मों के आधार पर निर्धारित होता है. हम इस खबर में जानेंगे कि दुनिया के सभी धर्मों में आत्मा को लेकर क्या कहा गया है. साथ ही ये भी जानेंगे कि आत्मा को साइंस कैसे देखता है?
आखिर आत्मा कहां जाती हैं?
हिंदू धर्म के अनुसार, मृत्यु के बाद आत्मा शरीर को छोड़ देती है और अगले जन्म के यात्रा पर निकल जाती है. ये प्रक्रिया तुरंत हो सकती है या कुछ समय ले सकती है, इस पर निर्भर करता है कि आत्मा कितनी शुद्ध है और उसके कर्म कैसे हैं? हिंदू धर्म में मान्यता है कि मृत्यु के बाद आत्मा को मोक्ष प्राप्त करने के लिए पिंडदान, तर्पण आदि क्रियाएं की जाती हैं. मृत्यु के बाद 13 दिन तक विभिन्न संस्कार किए जाते हैं, जिन्हें अंत्येष्टि संस्कार कहा जाता है. इसके बाद आत्मा अपने अगले सफर पर निकल जाती है.
बौद्ध धर्म में क्या है कॉन्सेप्ट?
बौद्ध धर्म में मान्यता है कि मृत्यु के बाद आत्मा तुरंत पुनर्जन्म लेती है या कुछ समय तक लोगों के बीच में रहती है, जिसे बर्दो कहा जाता है. ये टाइम 49 दिनों तक होती है, जिसमें आत्मा अगले जन्म के लिए तैयार होती है. यानी अगले जन्म में आत्मा लगभग 49 दिनों के बाद उस इंसान का पिछा छोड़ देती है.
इस्लाम और ईसाई
वहीं, इस्लाम में मान्यता है कि मृत्यु के बाद आत्मा तुरंत शरीर छोड़ देती है और बरज़ख नामक एक अंतरिम अवस्था में चली जाती है. यहां पर आत्मा अंतिम न्याय के दिन का इंतजार करती है. इस दौरान आत्मा का जीवन कैसे जिया गया था, इसके आधार पर उसे स्वर्ग या नर्क का अनुभव होता है. ईसाई धर्म में भी माना जाता है कि मृत्यु के बाद आत्मा तुरंत शरीर छोड़ देती है और परमेश्वर के न्याय के लिए तैयार होती है. ये आत्मा के अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर स्वर्ग या नर्क में जाती है.
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वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आत्मा को लेकर क्या है कॉन्सेप्ट?
अगर हम साइंस के नजरिए से देखें तो यहां फैक्ट्स के आधार पर बात की गई है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आत्मा का कोई ठोस प्रमाण नहीं है, क्योंकि आत्मा की अवधारणा मुख्यतौर पर धार्मिक और आध्यात्मिक है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण शरीर की मृत्यु को जीवन की समाप्ति मानता है, जिसमें शरीर के अंग और तंत्र काम करना बंद कर देते हैं. साइंस के मुताबिक, जब दिल धड़कना बंद कर देता है और सांस लेना बंद हो जाता है तो इंसान मर जाता है. जब शरीर की सभी कोशिकाएं मर जाती हैं और पुनर्जीवित नहीं हो सकतीं हैं. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ये कहना मुश्किल है कि मृत्यु के बाद आत्माएं कहां जाती हैं, क्योंकि अब तक साइंस को इस पर कोई ठोस प्रूफ नहीं मिला है.
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Source : News Nation Bureau