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कौन हैं सुधा मूर्ति, जानें किस तरह से नारायण मूर्ति से हुई उनकी पहली मुलाकात 

राज्यसभा में सुधा मूर्ति की उपस्थिति हमारी 'नारी शक्ति' का मजबूत करेगी. ये हमारे देश की नियति को आकार देने के में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है.

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Mohit Saxena
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Sudha Kulkarni

Sudha Kulkarni ( Photo Credit : social media)

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सुधा कुलकर्णी मूर्ति को पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राज्यसभा के लिए नामित कर दिया. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए यह जानकारी दी. उन्होंने लिखा कि मुझे इस बात की खुशी है कि भारत के राष्ट्रपति ने @SmtSudhaMurty जी को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है. सुधा जी सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में सुधा जी का योगदान बहुत बड़ा और प्रेरणादायक रहा है. उन्होंने कहा कि, "राज्यसभा में सुधा मूर्ति की उपस्थिति हमारी 'नारी शक्ति' को मजबूत करेगी. ये हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है. उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं." 

आपको बता दें कि सुधा कुलकर्णी मूर्ति का जन्म डॉ.आर.एच. कुलकर्णी और विमला कुलकर्णी के घर कर्नाटक के शिगगांव में हुआ था. सुधा मूर्ति ने कर्नाटक के B.V.B कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिग्री हासिल की. उन्होंने परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया. उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान से कंप्यूटर विज्ञान में एम.ई. किया. यहां पर प्रथम स्थान आने के लिए भारतीय इंजीनियर्स संस्थान से स्वर्ण पदक प्राप्त किया.

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व्यक्तिगत जीवन

पुणे में टेल्को में उन्होंने नौकरी की. इस दौरान वह नारायण मूर्ति से मिलीं और उन्होंने शादी का निर्णय लिया. उनके दो बच्चे हैं अक्षता और रोहन. वे इंफोसिस फाउंडेशन की सफलता के पीछे रही हैं. अभी भी कंपनी बनाने को लेकर पति के साथ जुड़ी है.  सुधा मूर्ती ने नौ से अधिक उपन्यास लिखे हैं. उनके नाम पर अनेक कथासंग्रह हैं.

शैक्षणिक योग्यता

बी.वी. ब. कॉलेज ऑफ इंजिनीयरिंग यहां से बी.ई इलेक्ट्रिकल की डिग्री मिली. इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ साइंस ये एम. ई. (संगणक शास्त्र) कॉम्प्युटर साइंस इस विषय में एम. टेक. की डिग्री ली. सुधा मूर्ती मराठी, कन्नड और अंग्रेज़ी भाषा में  लिखती है. सुधा मूर्ती ने संगणक वैज्ञानिक और अभियंता से अपने करियर की शुरुआत की. टेल्को इस कंपनी में चुनी गई वह पहली महिला अभियंत्या थी. पुणे, मुंबई और जमशेदपूर यहां उन्होंने काम किया.

सामाजिक योगदान

वे मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और कुशल लेखिका भी हैं. इन्फोसिस फॉडेशन एक सामाजिक कार्य करनेवाली संस्था की निर्मिती में उनका सक्रिय सहभाग था. वह इस संस्था की सह-संस्थापिका भी है. इन्फोसिस फॉन्डेशन के माध्यम से मूर्ती इन्होंने समाज के विविध क्षेत्राें में विकास काम को प्रोत्साहन दिया. कर्नाटक सरकार की सभी पाठशालाओं में उन्होंने संगणक और ग्रंथालय उपलब्ध करा दिए है. मूर्ती क्लासिकल लायब्ररी ऑफ इंडिया इस नाम का ग्रंथालय उन्होंने हार्वर्ड विश्वविघालय शुरू किया है.

पुरस्कार और सम्मान

इस 1995 साल में उत्तम शिक्षक पुरस्कार (बेस्ट टीचर अवोर्ड) जीता है. इस तरह से 2001 साल में ओजस्विनी पुरस्कार,  2006 में भारत सरकार ने पद्मश्री पुरस्कार देकर गौरवान्वित किया. इस तरह 2006 साहित्य क्षेत्रा में योगदान के लिए आर.  के. नारायण पुरस्कार श्री राणी-लक्ष्मी फाऊंडेशन की ओर से 19 नवंबर, 2004 को राजलक्ष्मी पुरस्कार. इस 2010 - एम.आय.टी.कॉलेज की ओर से भारत अस्मिता राष्ट्रीय पुरस्कार जीता. 

Source : News Nation Bureau

Sudha Kulkarni newsnation Narayana Murthy Who is Sudha Kulkarni
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