उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में सर्दियों का आखिरी दौर चल रहा है. इसके साथ ही चिलचिलाती गर्मियां लोगों को झुलसाने के लिए तैयारियों में जुट गई हैं. भारत में गर्मियों की शुरूआत से ही बाजारों में पंखों की मांग और बिक्री दोनों में काफी इजाफा हो जाता है. जिन घरों में एसी नहीं होता, उन घरों में केवल पंखे ही लोगों का एकमात्र सहारा होते हैं. हम सभी गरमी से राहत पाने के लिए पंखों का इस्तेमाल करते हैं. आमतौर पर हमारे घरों में इस्तेमाल होने पंखों में केवल तीन ही ब्लेड होते हैं. जबकि भारत में ऐसे भी कई घर हैं जहां दो और चार ब्लेड वाले पंखों का भी इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि देश में ज्यादातर पंखों में केवल तीन ब्लेड ही क्यों होते हैं. अगर आपके पास इस सवाल का जवाब नहीं है तो हम आपको इसका जवाब देने जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें- पत्नी समझकर जिस महिला के साथ गुजार लिए 9 साल, सच से उठा पर्दा तो पैरों तले खिसक गई जमीन
भारत में तीन ब्लेड के पंखों की व्यापक मौजूदगी की एक नहीं बल्कि कई वजहें हैं. देश में अभी भी ऐसे घरों की संख्या करोड़ों में है, जिन घरों में एसी नहीं है. ऐसे में तीन ब्लेड वाले पंखे गरमी से मुकाबला करने में सबसे ज्यादा कामयाब होते हैं. जबकि चार ब्लेड वाले पंखे उन घरों में लगाए जाते हैं, जहां एसी को मुख्यतः इस्तेमाल किया जाता है. जिन घरों में एसी मुख्य भूमिका में होते हैं वहां पंखों को एसी के सप्लीमेंट के तौर पर चलाया जाता है, ताकि वे एसी की ठंडक को पूरे कमरे में फैला सकें. इंग्लैंड, फिनलैंड, रूस, अमेरिका जैसे ठंडे देशों में इस्तेमाल किए जाने वाले पंखे मुख्य तौर पर 4 ब्लेड के होते हैं. इन देशों में पंखे की कोई खास जरूरत नहीं होती है.
ये भी पढ़ें- यूपी में हुआ दुनिया का सबसे अनोखा क्रिकेट मैच, धोती-कुर्ता पहनकर मैदान में उतरे खिलाड़ी.. संस्कृत में हुई कमेंट्री
तीन ब्लेड वाले पंखे चार ब्लेड वाले पंखों की तुलना में ज्यादा राहत पहुंचाते हैं. तीन ब्लेड वाले पंखों की कीमत भी कम होती है. तीन ब्लेड वाले पंखे चार ब्लेड वाली पंखों की तुलना में ज्यादा ठंडी और तेज हवा देते हैं. इसके अलावा इनका वजन भी कम होता है. इसके साथ ही तीन ब्लेड वाले पंखे चार ब्लेड वाले पंखों की तुलना में कमरे के कोने-कोने में हवा पहुंचाने का काम अच्छे से करते हैं. यही वजह है कि भारत जैसे गरम देशों में तीन ब्लेड वाले पंखों का ज्यादा इस्तेमाल होता है, जबकि ठंडे देशों में चार ब्लेड वाले पंखों का विस्तृत रूप से प्रयोग किया जाता है.
Source : Sunil Chaurasia