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Explained : धूप के साथ क्यों होने लगती है बारिश, वजह जानकर सच में चौंक जाएंगे आप

क्या आपने कभी सोचा है कि धूप के साथ बारिश क्यों होती है? अगर नहीं तो आज हम आपको इस खबर में बताएंगे कि ऐसा कैसे होता है.

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Ravi Prashant
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धूप के साथ बारिस( Photo Credit : News Nation)

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Explained : देश के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है. बारिश का आलम ये है कि कहीं धूप तो कहीं बारिश हो रही है. कई इलाकों में धूप के साथ बारिश भी हो रही है. ऐसे में कई जगहों पर धूप के साथ बारिश के कारण उमस भी देखने को मिल रही है. तो क्या आपने कभी सोचा है कि धूप के साथ बारिश क्यों होती है? आपने देखा होगा कि जब ऐसी बारिश होती है तो लोग उसे कई नामों से बुलाते हैं. आज इस खबर में हम आपको बताएंगे कि धूप के साथ बारिश क्यों होती है? धूप होने के साथ ही बारिश का होना एक ऐसा प्राकृतिक घटना है जिसे कई जगहों पर "सूर्यवंशी वर्षा" या "गर्मी की बारिश" के नाम से जाना जाता है. इस घटना के पीछे विभिन्न वैज्ञानिक कारण होते हैं, जो कि मौसम और जलवायु विज्ञान से जुड़े होते हैं. 

आखिर धूप के साथ बारिश क्यों होती है?

धूप और बारिश के साथ होने से पहले जाने लेते हैं कि आखिर बारिश कैसे होता है? वर्षा का मुख्य कारण वायुमंडल में मौजूद जल वाष्प का संघनन (condensation) है. जब हवा में मौजूद जल वाष्प ठंडी होकर छोटे-छोटे जल बूंदों में परिवर्तित होती है, तो ये बूंदें मिलकर बादल बनाती हैं. जब ये बूंदें एकत्र होकर भारी हो जाती हैं, तो वे धरती पर गिरने लगती हैं जिसे हम वर्षा या बारिश कहते हैं. अब जानते हैं कि आखिर धूप के साथ कैसे बारिश होता है. धूप और बारिश का एक साथ होना इसलिए संभव होता है क्योंकि वायुमंडल में मौजूद बादल और सूर्य की किरणें एक साथ मौजूद हो सकते हैं. इसके पीछे कई कारण होते हैं. 

स्थानीय मौसमीय अंतर

कई बार, मौसमीय परिस्थितियां बहुत तेजी से बदलती हैं. एक ही समय में एक क्षेत्र में बादल घिरे होते हैं और उसी समय पास के क्षेत्र में धूप खिली होती है. ऐसे में जब हवा बादलों को उस क्षेत्र में ले जाती है जहां धूप है, तो वहां भी बारिश होने लगती है.

सौर तापीय प्रभाव

सूर्य की किरणें धरती की सतह को गर्म करती हैं, जिससे वायुमंडल में जल वाष्प की मात्रा बढ़ जाती है. जब ये वाष्प ठंडी ऊंचाई पर पहुंचती है, तो संघनित होकर बारिश के रूप में धरती पर गिरती है. इस प्रकार, धरती पर धूप होने के बावजूद बारिश हो सकती है.

हवाओं में स्थिरता

जब हवा की ऊपरी परतें ठंडी होती हैं और निचली परतें गर्म होती हैं, तो हवा स्थिर होती है. इस स्थिति में, जल वाष्प ऊपरी परतों तक पहुंचकर संघनित हो जाती है और बारिश के रूप में गिरती है. इस स्थिति में भी धूप और बारिश एक साथ होते हैं.

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मानसून के दौरान

मानसून के दौरान धूप और बारिश का एक साथ होना आम बात है. मानसून के समय बादल तेजी से बदलते हैं और बारिश की संभावना अधिक होती है. इस स्थिति में, किसी एक क्षेत्र में बारिश हो रही होती है जबकि पास के क्षेत्र में धूप खिली होती है.

जलवायु परिवर्तन

जलवायु परिवर्तन के कारण भी मौसमीय परिस्थितियां तेजी से बदल रही हैं. इससे भी धूप और बारिश का एक साथ होना सामान्य हो सकता है.

Source : News Nation Bureau

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