सबसे पसंदीदा खेलों में से एक शतरंज गेम है. इस गेम के दीवाने आपको हर जगह मिल जाएंगे. अक्सर वास्तविक जीवन के संदर्भ के रूप में उपयोग किए जाने वाले शतरंज के खेल में रानी को बचाने के लिए समर्पण, फोकस और सोची-समझी चालों की आवश्यकता होती है. शतरंज के खेल में यह सीखना शामिल है कि हम जो एक चाल चलते हैं, वह आगे चलने वाली चालों की श्रृंखला को कैसे प्रभावित कर सकती है. शतरंज एक फेमस बोर्ड गेम है जिसे दुनिया भर में लाखों खेलने वाले हैं.
आज हम आपको इस लेख के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस के बारे में बताएंगे, जैसा कि हम विशेष दिन मनाते हैं. ऐसे में हम आपको अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस से जुड़े फैक्ट्स शेयर करेंगे, जो शायद ही आपको पता हो. हर साल 20 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस पूरी भव्यता और धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल भी यह स्पेशल दिन 20 जुलाई गुरुवार को मनाया जाएगा.
अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस कब से मनाया जाने लगा?
अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस की घोषणा 1996 में यूनेस्को द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ की स्थापना के उपलक्ष्य में की गई थी, जिसे आमतौर पर इसके फ्रांसीसी संक्षिप्त नाम FIDE के रूप में जाना जाता है. FIDE की स्थापना पेरिस, फ्रांस में हुई थी और वर्तमान में इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड में है. FIDE एक अंतरराष्ट्रीय निकाय है जो विभिन्न अंतरराष्ट्रीय शतरंज संघों को जोड़ने के लिए जिम्मेदार है और अंतरराष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिताओं के लिए शासी निकाय के रूप में कार्य करता है. FIDE को 1999 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा मान्यता दी गई थी.
इस खेल का महत्व क्या है?
दुनिया की अधिकांश आबादी शतरंज का आनंद लेती है और इस खेल को बड़े ही चाव से खेलना पसंद करती है. इस साल अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस की थीम खेल को सार्वभौमिक और सभी के लिए अधिक सुलभ बनाने पर केंद्रित है. अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस मनाने का सबसे अच्छा तरीका अपने दोस्तों के साथ मिलकर शतरंज खेले और इसे सीखे की जीवन में भी कैसे शतरंज के चाल की तरह चले. जो लोग खेल के नियमों से अवगत नहीं हैं, उनके लिए यह शुरुआत करने और शतरंज के खेल को जीतने की चालों और युक्तियों के बारे में जानने का एक शानदार दिन है.
शतरंज का इतिहास क्या है?
शतरंज के गेम का जन्म भारत में 6वीं शताब्दी में गुप्त वंश के दौरान हुआ था. आज, 1500 से अधिक वर्षों के बाद भी इस गेम को 172 देशों में खेला जाता है. शतरंज विश्व संस्कृति में भारत के योगदानों में से एक है, राजाओं के दरबार में खेले जाने वाले खेल से लेकर गांवों में खेले जाने वाले खेल होता था लेकिन समय के साथ यह खेल अब पेशेवर खेल के रूप में बदल गया है. आज इस गेम के बड़े-बड़े आयोजन होते हैं.
Source : News Nation Bureau