हम सभी के जीवन में मां की भूमिका भगवान से भी बढ़कर है. माँ हर समय हमारे बारे में सोचती है. हर मुसीबत में वह हमारे लिए एक पैर पर खड़ी रहती हैं ऐसा कोई पल नहीं होता जब उसे अपने बच्चों की याद न आती हो. इसमें कोई शक नहीं है कि मां की जगह कोई नहीं ले सकता. आपके मन में यह सवाल जरूर चल रहा होगा कि आज हम मां की बात क्यों कर रहे हैं? तो चलिए आपको बताते हैं. वैसे मां के लिए कोई दिन नहीं होता लेकिन कुछ खास करने के लिए हम एक दिन बनाते हैं, जिस दिन हम अपनी मां को स्पेशल फील कराते हैं कि आप दुनिया में सबसे स्पेशल हो.
क्यों मनाया जाता है मदर्स डे?
हम बात कर रहे हैं कि मदर्स डे क्यों मनाते हैं? मई के दूसरे महीने के रविवार को मदर्स डे बनाते हैं. इस दिन को खास बनाने के लिए मां के लिए बच्चे बहुत कुछ करते हैं. आपको बता दें कि अलग-अलग देशों में अलग-अलग कहानियां है. जिस कहानी सबसे अधिक चर्चा की जाती है, आज उसी कहानी के बारे में हम जानेंगे. ऐसा माना जाता है कि मदर्स की पंरपरा ग्राफटन वेस्ट वर्जिनया में एना जॉर्विस ने सभी माताओं को मनाने के लिए किया था.
ब्रिटेन और यूरोप में कुछ अलग दावें
हालांकि कुछ विद्वानों का दावा है कि मां के सम्मान यानी मां की पूजा का रिवाज प्राचीन यूनान से शुरू हुआ था. लोककथाओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि सिबेले ग्रीक देवताओं की माता थीं, उनके सम्मान में यह दिन मनाया जाता है. इसलिए इसी दिन को मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है. वहीं, यूरोप और ब्रिटेन में रविवार को दुनिया में मां को विशेष फील कराने के लिए मां का सम्मान किया गया. इसी परंपरा का पालन करते हुए मई माह के दूसरे रविवार को मां का पूजन किया गया.
HIGHLIGHTS
- मां की पूजा का रिवाज प्राचीन यूनान से शुरू हुआ था
- मई माह के दूसरे रविवार को मां का पूजन किया गया
- इसी दिन को मदर्स डे के रूप में मनाया जाता है
Source : News Nation Bureau