अकसर ट्रेनों में सफर करते वक्त लोग उसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया करते हैं. इसके अलावा ट्रेन के सामान को चोरी करने में लगे रहते हैं. इससे रेलवे को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है. इसका अंदाजा दस साल पहले एक घटना से पता लगाया जा सकता है, जब छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक रेल को बिना लॉक किए बगैर सेंट्रिंग में छोड़ गया था. इसके बाद चोरों ने ट्रेन से बल्ब, पंखे और पैंट्री कार से फ्रिज तक चुरा लिया था. इस तरह की घटना के कई उदाहरण हैं. इसे ध्यान में रखते हुए भारतीय रेल ने नई तकरीब निकली. रेलवे ने ट्रेनों में ऐसे पंखे लगाए, जिसके बाद लोग चाह कर भी उसे चोरी नहीं कर सकते हैं.
दरअसल, ट्रेनों से चोरी करके निकाले गए पंखे किसी काम के नहीं होते हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि इन पंखों को कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह जब तक ट्रेन में लगे होंगे तभी तक ये काम करते रहेंगे. इसे रेल के अलावा घरों में नहीं लगाया जा सकता है.
क्या है तकनीक?
आमतौर पर हम घरों में दो तरह की बिजली का उपयोग करते हैं. पहला एसी (अल्टरनेटिव करेंट) और दूसरा डीसी (डायरेक्ट करेंट). मगर घर में एसी बिजली का उपयोग ज्यादा किया जाता है. ये अधिकतम पावर 220 वोल्ट पर होगा. वहीं अगर डीसी का इस्तेमाल किया जा रहा है तो पावर 5, 12 या 24 वोल्ट होगा.
ट्रेन में लगे पंखों को डीसी में 110 वोल्ट पर चलने के लिए बनाया गया है. यही वजह है कि इन पंखों को घर में नहीं चलाया जा सकता है. ऐसे में इन पंखों को चोरी करना लोगों के लिए पूरी तरह से बेकार है.
अगर आप रेल में सफर करते हैं तो आपको ये जरूरी बातें जान लेना चाहिए. ट्रेन राष्ट्र की संपत्ति है. इसमें चोरी करने का अर्थ है कि राष्ट्रीय संपत्ति चोरी करना है. ऐसा करने पर आरोपी पर आईपीसी की धारा 380 के तहत मामला दर्ज होगा. दोषी पाए जाने के बाद सात साल तक की कैद और जुर्माना भी लगाया जाएगा. ऐसे मामलों में जल्द जमानत भी नहीं मिलती है.
Source : News Nation Bureau