ऋण कृत्वा घृतं पीबेत। भस्मी भूतस्य देहस्य पुनरागमनं कुत:। यानी जब तक जियो सुख से जियो कर्ज लेकर घी पियो. शरीर भस्म हो जाने के बाद वापस नही आता है. ऋषि चार्वाक की कर्ज लेकर घी पीने की उक्ति जमाने से मशहूर है. यह अलग बात है कि फिलहाल इस पर आंख बंद कर अमल कर रही है लेबनान की एक महिला भिखारी. वह अपनी धन-संपत्ति के कारण इन दिनों सुर्खियों में है. भीख मांग कर अपना जीवन गुजारने वाली महिला के बैंक अकाउंट में 6.37 करोड़ रुपए हैं. सबसे बड़ी बात तो यही है कि भिखारी वाफा मोहम्मद अवद ने यह राशि भीख मांगकर बैंक में जमा की है.
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बैंक से अकाउंट ट्रांसफर कराने पर खुला मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला तब सामने आया जब वाफा मोहम्मद अवद अपनी सेविंग्स को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर करने के लिए पहुंची थी. जब उसने पैसे ट्रांसफर के लिए आवेदन दिया तो मौजूदा बैंक के पास नगदी की समस्या पैदा हो गई. अवद के दो चेक सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इन पर 30 सितंबर, 2019 की तारीख दर्ज है.
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सीदोन के हॉस्पिटल के बाहर भीख मांगती है
वाफा सीदोन शहर की रहने वाली और वह यहां के एक प्रसिद्ध अस्पताल के सामने दिनभर भीख मांगती है. अस्पताल की एक नर्स हाना एस ने गल्फ न्यूज को बताया कि वाफा को हम भिखारी के तौर पर जानते हैं. ज्यादातर वक्त वह अस्पताल के गेट पर भीख मांगते देखी जा सकती है. आसपास के रहने वाले ज्यादातर लोग इसे जानते हैं. वह यहां पिछले 10 साल से भीख मांग रही है. हालांकि रईस भिखारियों के मामले में अपना देश भी कतई पीछे नहीं है. जमीन-जायदाद के मामले में भारतीय भिखारी भी लखपतियों को पीछे छोड़ते हैं.
HIGHLIGHTS
- लेबनान की एक महिला भिखारिन निकली करोड़पति.
- बैंक अकाउंट में जमा हैं 6.37 करोड़ रुपए.
- दस साल से मांग रही अस्पताल के सामने भीख.