हाल ही में प्रकाशित हुई एल्कोहल एंड एल्कोहलिज्म की एक रिपोर्ट ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. रिपोर्ट के अनुसार, जिन किशोरों का आईक्यू यानी इंटेलिजेंट कोशेंट (IQ) कॉलेज के पहले साल में अधिक होता है, उनमें यह संभावना ज्यादा होती है कि वे वयस्क होने पर नियमित रूप से शराब का सेवन करने लगेंगे. यह अध्ययन खासतौर पर श्वेत अमेरिकी महिलाओं और पुरुषों पर किया गया है और इसके परिणामों ने समाज में शराब के सेवन से जुड़े कई पूर्वाग्रहों को चुनौती दी है.
सोसायटी में होती है अलग इमेज
अध्ययन से पता चलता है कि हाई आईक्यू वाले किशोरों में भविष्य में शराब पीने की प्रवृत्ति अधिक होती है. यह निष्कर्ष समाज में आम धारणा के विपरीत है, जहां अक्सर माना जाता है कि हाई आईक्यू वाले लोग अपने स्वास्थ्य और आदतों के प्रति अधिक जागरूक और संयमित होते हैं. हालांकि, इस अध्ययन ने यह सिद्ध किया है कि ऐसे लोग सामाजिक और मानसिक दबावों का अधिक सामना करते हैं, जिसके चलते वे शराब जैसी आदतों की ओर आकर्षित होते हैं.
इस कारण से पीने लगते हैं शराब
स्टडी में यह भी पाया गया कि कॉलेज के पहले वर्ष में जिन किशोरों का आईक्यू ज्यादा था, उन्होंने शराब के सेवन के बारे में अधिक खुलकर बात की और इस आदत को एक सामान्य गतिविधि के रूप में देखा. इस प्रवृत्ति को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च आईक्यू वाले लोग अधिक जिज्ञासु और जोखिम लेने की प्रवृत्ति वाले होते हैं, जो उन्हें शराब जैसे प्रयोगों की ओर धकेल सकता है. इसके साथ ही हाई आईक्यू वाले किशोरों में आत्मविश्वास की अधिकता और सामाजिक प्रतिष्ठा को बनाए रखने की चिंता भी उन्हें शराब की ओर ले जा सकती है.
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स्टडी में दिए गए सुझाव
हालांकि, अध्ययन ने यह भी सुझाव दिया है कि इस आदत के पीछे कई अन्य कारक भी काम कर सकते हैं, जैसे पारिवारिक पृष्ठभूमि, सामाजिक संबंध, और व्यक्तिगत जीवन के अनुभव. स्टडी के मुताबिक, यह जरूरी नहीं है कि उच्च आईक्यू वाले सभी किशोर शराब के नियमित सेवन की ओर बढ़ेंगे, लेकिन उनके ऐसा करने की संभावना अधिक होती है.
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