क्या आप जानते हैं जब कोई व्यक्ति मर जाता है तो उसकी आत्मा कई दिनों तक घर में ही पड़ी रहती है. वो अपने लोगों के साथ रहती है और बस देखती है कि क्या-क्या हो रहा है. लोग कहते हैं कि मरने के बाद आत्मा चली जाती है लेकिन ऐसा नहीं है. ऐसे में जब कोई इंसान मर जाता है तो उसकी आत्मा कितने दिन तक घर में रहती है, इस विषय पर विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के अनुसार भिन्न-भिन्न धारणाएं होती हैं. हम आज इस आर्टिकल में जानेंगे कि आखिर कितने दिन तक आत्मा घर में रहती है.
हिंदू धर्म
हिंदू धर्म में ये माना जाता है कि मृत्यु के बाद आत्मा 13 दिनों तक घर में रहती है. इस अवधि को "अंत्येष्टि कर्म" या "श्राद्ध" के नाम से जाना जाता है. इस समय के दौरान परिवार के सदस्य विभिन्न धार्मिक क्रियाएं और अनुष्ठान करते हैं जैसे कि हवन, पूजा और पिंडदान. 13वें दिन एक विशेष अनुष्ठान किया जाता है जिसे "तेरहवीं" कहा जाता है, जिसके बाद माना जाता है कि आत्मा अपने अगले गंतव्य की ओर प्रस्थान कर चुकी है.
बौद्ध धर्म
बौद्ध धर्म में ये माना जाता है कि आत्मा मृत्यु के बाद 49 दिनों तक एक मध्यवर्ती अवस्था में रहती है जिसे "बारडो" कहा जाता है. इस समय के दौरान आत्मा को अगले जन्म की तैयारी के लिए मार्गदर्शन दिया जाता है. इस अवधि के दौरान, विशेष प्रार्थनाएं और अनुष्ठान किए जाते हैं ताकि आत्मा को शांतिपूर्ण पुनर्जन्म प्राप्त हो सके.
इस्लाम धर्म
इस्लाम में ये माना जाता है कि मृत्यु के तुरंत बाद आत्मा का हिसाब-किताब किया जाता है और उसे कब्र में ही आराम मिलता है. इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार आत्मा मृत्यु के बाद कुछ समय के लिए कब्र में रहती है और वहां उसे विभिन्न प्रश्नों का सामना करना पड़ता है. अंतिम न्याय के दिन आत्मा को स्वर्ग या नरक भेजा जाता है.
ईसाई धर्म
ईसाई धर्म में ये मान्यता है कि मृत्यु के बाद आत्मा तुरंत ईश्वर के न्याय के सामने उपस्थित होती है. ईसाई मान्यता के अनुसार, आत्मा स्वर्ग या नरक में जाती है, जहां उसे उसके कर्मों के अनुसार स्थान प्राप्त होता है. इस प्रक्रिया में कोई निश्चित समय सीमा नहीं बताई गई है.
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सिख धर्म
सिख धर्म में यह विश्वास है कि आत्मा मृत्यु के बाद परमात्मा में विलीन हो जाती है. सिख मान्यताओं के अनुसार, आत्मा का पुनर्जन्म होता है और यह चक्र तब तक चलता रहता है जब तक आत्मा परमात्मा में मिल नहीं जाती. आत्मा के घर में रहने की कोई विशेष अवधि नहीं बताई गई है.
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से आत्मा के घर में रहने का कोई ठोस प्रमाण नहीं है. विज्ञान आत्मा के अस्तित्व को मान्यता नहीं देता और मृत्यु को शारीरिक कार्यों का अंत मानता है.