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'नाच ना जानें आंगन टेढ़ा' हर जगह इस्तेमाल होने वाले इस मुहावरे का क्या है मतलब, जानें

इस मुहावरे में आंगन टेढ़ा होने की बात कही गई है, लेकिन क्या सचमुच में टेढ़ा है आंगन, आइए आज आपको बताते है. नाच ना जानें आंगन टेढ़ा इस मुहावरे का इस्तेमाल बहुत बार लोग अपनी बातचीत में  करते है.

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Nidhi Sharma
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नाच ना जाने आंगन टेढ़ा

नाच ना जाने आंगन टेढ़ा

नाच ना जानें आंगन टेढ़ा इस मुहावरे का इस्तेमाल बहुत बार लोग अपनी बातचीत में  करते है. काफी लोगों को लगता है कि नाच ना जाने आंगन टेढ़ा का इसलिए इस्तेमाल किया जाता है कि जिसे नाचना नहीं आता है उसके लिए आंगन टेढ़ा है. लेकिन  इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं होता है. आपके लिए भी काफी लोगों ने इस मुहावरे का इस्तेमाल किया होगा. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसका मतलब क्या होता है और ऐसी कौन सी बात है जिसके लिए लोग इसका इस्तेमाल करते है. चलिए कोई बात नहीं अब आप अपने दिमाग पर ज्यादा जोर ना दें और हम भी बातों को ज्यादा ना घुमाते हुए आपकी इसका सीधा सीधा मतलब बताते है. 

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क्या है मतलब 

इसका मतलब होता है कि जिन लोगों को कोई काम नहीं आता है. वे दूसरों के काम में गलतियां  ढूंढते हैं और अपनी सारी नाकामियों के लिए दूसरों को दोषी ठहराते हैं. वहीं अगर आपको कोई ये बात बताता है तो आपको ऐसे लोगों की बातों को दिल पर नहीं लेना चाहिए, बल्कि ऐसी नकारात्मक बातों को चुनौती मानते हुए आपको दोगुने उत्साह से अपना काम करना चाहिए.

मनोविज्ञान में क्या है मतलब 

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नाच ना जाने आंगन टेढा एक ऐसा मुहावरा है, जो रैशनलाइजेशन नामक डिफेंस मेकैनिज्म को दर्शाता है. इसके तहत व्यक्ति अपनी गलतियों या असफलताओं को छुपाने की कोशिश करता है. उसे अपने इस व्यवहार का खुद ही अंदाजा नहीं होता है. अगर इंसान इस आदत को अपने रोज के लिए इस्तेमाल करता है, तो यह इंसान को दिक्कत देता है. दिक्कत तो तब शुरू होती है. जिसके बाद वह अपनी गलतियों को सुधारने की जगह उसका सारा दोष उस टाइम पर डालकर उन परेशानियों से बचने की कोशिश करता है. इससे उसका आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है जिससे कि इंसान के दिमाग पर भी काफी असर होता है. 

idiom nach na jane aangan tedha
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