यूपी और महाराष्ट्र के बाद क्या अन्य राज्य करेंगे किसानों का कर्ज माफ!, केंद्र सरकार पर टिकी नजरें

मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के दौरान 6 लोगों की मौत और उसके राज्यव्यापी असर से सबक लेते हुए महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार ने किसानों की कर्ज माफी का ऐलान कर दिया है। उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र बीजेपी शासित दूसरा राज्य है, जिसने किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की है।

author-image
Abhishek Parashar
एडिट
New Update
यूपी और महाराष्ट्र के बाद क्या अन्य राज्य करेंगे किसानों का कर्ज माफ!, केंद्र सरकार पर टिकी नजरें

यूपी के बाद महाराष्ट्र सरकार ने किया किसानों का कर्ज माफ (फाइल फोटो)

Advertisment

मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के दौरान 6 लोगों की मौत और उसके राज्यव्यापी असर से सबक लेते हुए महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार ने किसानों की कर्ज माफी का ऐलान कर दिया है। उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र बीजेपी शासित दूसरा राज्य है, जिसने किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की है।

राज्य सरकार के इस फैसले के बाद किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है। महाराष्ट्र सरकार के फैसले के बाद अन्य राज्यों विशेषकर मध्य प्रदेश पर किसानों की कर्ज माफी का दबाव होगा, वहीं सबकी नजरें केंद्र सरकार पर होगी, जो अभी तक देश भर के किसानों की कर्ज माफी से इनकार करती रही है।

पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में आंदोलन के हिंसक होने के बाद शांति के लिए उपवास पर बैठे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से उनका आंदोलन वापस लेने की अपील तो की, लेकिन उनके कृषि मंत्री ने यह कहने में देर नहीं लगाई कि राज्य सरकार किसी भी हालत में किसानों का कर्ज माफ नहीं करेगी।

और पढ़ें: मोदी सरकार के तीन साल: किसानों का कर्ज माफ नहीं करेगी केंद्र सरकार

मध्य प्रदेश में किसानों के आंदोलन का पहला चरण भले ही थम गया है, लेकिन अभी भी मूल मांग कर्ज माफी को लेकर सरकार और किसानों के बीच कोई सहमति नहीं बनी है। राज्य में हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं।

दक्षिण के राज्य तमिलनाडु के किसानों ने भी अपनी मांगों को लेकर फिर से आंदोलन की शुरुआत की थी, लेकिन मुख्यमंत्री पलानीसामी के दो महीनों के भीतर वादों को पूरा किए जाने के आश्वासन के बाद वापस घरों को लौट गए हैं। तमिल किसानों की मांगों को अभी तक पूरा नहीं किया जा सका है।

विपक्ष की मांग के बावजूद मोदी सरकार यह साफ कर चुकी है कि वह देश के किसानों का कर्ज माफ नहीं करने जा रही है। लेकिन उत्तर प्रदेश चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी के किसानों की कर्ज माफी का मुद्दा बनाने के बाद देश के अन्य हिस्सों में इस तरह की मांग उठने लगी है।

मोदी के वादों को पूरा करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर दिया था। सरकार ने कुल 36,000 करोड़ रुपये के कर्ज को ही माफ किया।

राज्य सरकार ने हालांकि जीडीपी के मुकाबले राजकोषीय घाटे को एक निश्चित अनुपात में बनाए रखने का वादा करते किसानों का पूरा कर्ज माफ नहीं किया था।

उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र सरकार ने भी इसी फॉर्मूले को अपनाते हुए छोटे और मझोले किसानों का 30,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किए जाने की घोषणा की है।

और पढ़ें: किसान आंदोलन के आगे झुकी महाराष्ट्र सरकार, छोटे और मझोले किसानों की कर्ज माफी का ऐलान

केंद्र सरकार अभी तक देश भर के किसानों के कर्ज माफी से इनकार करती रही है, लेकिन बीजेपी के शासन वाले दो राज्यों के इस फैसले के बाद क्या अन्य राज्य भी इस तरह के फैसले लेंगे?

क्या अन्य सरकारें भी किसानों की कर्ज माफी का ऐलान करेंगी?

यूपी और महाराष्ट्र भौगोलिक रुप से बड़े और अपेक्षाकृत से संपन्न राज्य है, लेकिन देश के अन्य छोटे राज्यों के पास कर्ज माफी के बाद की स्थिति को संभालने की क्षमता नहीं है। 

किसान आंदोलन को राष्ट्रीय मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने में जुटी कांग्रेस बार-बार यूपीए की सरकार के दौरान 72,000 करोड़ रुपये की कर्ज माफी की हवाला देती रही है। कांग्रेस यह पूछती रही है, 'जब मोदी जी की सरकार कारोबारियों के 1 लाख 40 करोड़ रुपये के कर्ज को माफ कर सकती है तो फिर किसानों की कर्ज माफी क्यों नहीं हो सकती ?'

लेकिन राज्‍य सरकारों के कर्ज माफी को लेकर रिजर्व बैंक (आरबीआई) पहले ही ऐतराज जता चुका है। आऱबीआई गवर्नर ऊर्जित पटेल वित्तीय घाटा और महंगाई बढ़ने के खतरे को लेकर आगाह कर चुके हैं।

औऱ पढ़ें: किसानों के ऋण माफ करने से बढ़ेगी वित्तीय घाटा और महंगाई: आरबीआई

मौद्रिक समीक्षा नीति के बाद पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा था, 'बड़े पैमाने पर किसानों के कर्ज माफ किए जाने से वित्तीय घाटा का खतरा बढ़ जाएगा।'

किसानों की कर्ज माफी से सबसे ज्यादा असर बैंकों पर होता है। देश के बैंक पहले से ही 6 लाख करोड़ रुपये के एनपीए के बोझ से दबे हुए हैं।

मोदी सरकार के आर्थिक सुधारों के एजेंडे में बैकिंग सुधार प्राथमिकता में है। सरकार पहले ही एसबीआई के साथ अन्य 5 सहयोगी बैंकों को मिलाकर महाबैंक बना चुकी है। इस वित्त वर्ष के आखिर तक कुछ अन्य सरकारी बैंकों के विलय के एक और प्रस्ताव को मंजूरी देने की योजना बना रही मोदी सरकार की तरफ से देश भर के किसानों की कर्ज माफी की संभावना कम ही दिखाई देती है।

और पढ़ें: SBI के बाद अन्य सरकारी बैंकों के विलय को लेकर गंभीर सरकार, मौजूदा वित्त वर्ष में मिल सकती है मंजूरी

HIGHLIGHTS

  • मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के असर से सबक लेते हुए महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार ने किसानों का कर्ज माफ कर दिया है
  • उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र बीजेपी शासित दूसरा राज्य है, जिसने किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की है
  • महाराष्ट्र सरकार के फैसले के बाद अन्य राज्यों विशेषकर मध्य प्रदेश पर किसानों की कर्ज माफी का दबाव होगा
  • वहीं सबकी नजरें केंद्र सरकार पर होगी, जो अभी तक देश भर के किसानों की कर्ज माफी से इनकार करती रही है

Source : Abhishek Parashar

maharashtra Uttar Pradesh madhya-pradesh central govt Farm loan Farm Loan Waive Off
Advertisment
Advertisment
Advertisment