Birthday Special: Thank You Deepika! तुम्हारी हिम्मत से दूसरों को हिम्मत मिली

सबसे पहले हैप्पी बर्थडे दीपिका! तुम मेरी प्रेरणा उस दिन से बनी हो जब से मैंने तुम्हारे वो तमाम वीडियो देखें, जिसमें तुमने अपनी मानसिक स्थिति यानि डिप्रेशन के बारें में खुलकर बातें कीं.

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Vineeta Mandal
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Birthday Special: Thank You Deepika! तुम्हारी हिम्मत से दूसरों को हिम्मत मिली

Happy Birthday Deepika Padukone( Photo Credit : (फाइल फोटो))

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सबसे पहले हैप्पी बर्थडे दीपिका! तुम मेरी प्रेरणा उस दिन से बनी हो जब से मैंने तुम्हारे वो तमाम वीडियो देखें, जिसमें तुमने अपनी मानसिक स्थिति यानि डिप्रेशन के बारें में खुलकर बातें की. अक्सर हम लोग हर शारीरिक बीमारी के बारें में सचेत और गंभीर रहते हैं, लेकिन मानसिक बीमारी (मेंटल हेल्थ) के तरफ ध्यान ही नहीं देते हैं. ऐसा शायद इसलिए भी होता है क्योंकि समाज में आज भी डिप्रेशन को लोग पागलपन की श्रेणी में रखते हैं और मनोवैज्ञानिक (psychologist) को पागलों का डॉक्टर बोलते हैं.

मुझे आज भी याद है मेरे कॉलेज में हमारे डीजी ने एक मनोवैज्ञानिक डॉक्टर को बुलाया था, जिससे बच्चे एग्जाम के प्रेशर से जुड़ी या अन्य मेंटल हेल्थ से जुड़ी बातचीत कर सकें. लेकिन जो बच्चे आगे चलकर पत्रकारिता के क्षेत्र में रहकर लोगों को जानकारी, सूचना देने का काम करने वाले थे वो भी उन डॉक्टर से छुप-छुप कर मिल रहे थे. मैं जब सबके सामने डॉक्टर से मिलने जाने लगी, तो सबने मुझे एक झटके में कह दिया तुम पागल हो क्या जो पागलों वाले डॉक्टर से मिलने जा रही हो जबकि मैं सिर्फ इस विषय पर जानकारी लेने के लिए जा रही थी.

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वहीं दूसरा किस्सा ये हैं कि चंद दिनों पहले मेरे जानने वाले एक शख्स ने फेसबुक पोस्ट के जरीए अपनी मानसिक स्थिति बयां किया था मगर उन्होंने उस कुछ देर बाद ही डिलीट कर दिया. उन्होंने तर्क दिया कि लोग उन्हें जज न कर लें इसलिए ऐसा किया. हमारे आसपास ऐसे कई लोग हैं लेकिन एक आखिरी किस्सा और है जिसका मैं जिक्र करने जा रही हूं. मेरी एक करीबी दोस्त है उसे अपने जीवन में अपनी मर्जी का कुछ नहीं मिला, पढ़ाई घर वालों के मुताबिक किया, प्यार के रास्ते में जाति आई तो घर वालों के पसंद से शादी करने जा रही थी लेकिन बीच में वो सगाई भी टूट गई.

नतीजन वो धीरे-धीरे समाज और परिवार से अलग-अलग रहने लगी, बातें भी बहुत सीमित करती, फोन से भी पूरी तरह दूरी बना चुकी थी. ऐसा करते हुए उन्हें करीब 6 महीने हो गया तब डॉक्टरों के जरीए उनके परिवार को पता चला की वो डिप्रेशन के उस स्टेज पर है जिसके लिए उन्हें ताउम्र दवाईयों के सहारे रहना पड़ेगा.

दीपिका तुम्हारी तरह ही यहां हर दूसरा एक बुरे रिश्ते के दौर से निकला हुआ है और यही धोखे का दर्द उसे अवसाद के अंधेरे में ले जाती हैं, जहां उस टूटे रिश्ते की आवाज दिमाग के नसों को फाड़ती रहती है. दीपिका मैं भी ठीक ऐसे ही एक दौर से गुजरी थी और उस समय तुम और तुम्हारे वीडियोज मेरे लिए एक टर्निंग पॉइंट रहा. वहीं दूसरी तरफ परिवार का साथ और दोस्तों के प्यार मेरे साथ था तो उनसे मैंने हर चीज खुलकर शेयर की. सोशल मीडिया पर कहानी, पोस्ट लिखें, डिप्रेशन के बारें में जाना, सुना, पढ़ा और देखा.

हालांकि पब्लिक प्लेटफॉर्म पर अब भी मैं सब साफतौर पर बात नहीं कर पाई हूं इसलिए नहीं कि लोग मुझे जज करेंगे बस कुछ समय ले रही थी, जिससे लोगों की हमदर्दी नहीं बल्कि उनके हर सवालों का जवाब दे सकूं. शायद वो वक्त तुम्हारे बर्थडे पर आ गया दीपिका की मैं खुद से इसकी शुरुआत करते हुए डिप्रेशन पर बात करते हुए और ऐसे अन्य लोगों को भी प्रेरित करुं.

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दीपिका मैंने तुम्हारे कई इंटरव्यू और वीडियो देखें, जिसमें तुम डिप्रेशन पर बिना ये सोचे बात कर रही कि लोग क्या सोचेंगे बाद में. इतना ही नहीं अपने हालात पर बात करते-करते तुमको रोना आया है तो तुम रोई भी लेकिन बोलना बंद नहीं किया. यहीं चीज आज हमारे समाज को समझने की जरूरत है कि कोई अगर अपने मानसिक हालात या डिप्रेशन पर बात कर रहा है या रही है तो उसे समझते हुए उसकी मदद करनी चाहिए. लेकिन आज हालात इसके उलट है ना जानें कितने लोग अपने दर्द भरे चेहरे पर एक मुखौटा पहने घूम रहे हैं. लोगों में डर है कि वो अपनी दिल की बात लिखेंगे तो कहीं उनके दोस्त या लोग उनका मजाक तो नहीं बनाएंगे, फिलिंग्स को समझेंगे या नहीं.

लेकिन दीपिका जब मैंने तुमको सुना तो लगा कि बोलना कितना जरूरी होता है अंदर के गुबार को बाहर निकालकरर फोड़ना ही पड़ता है, वरना वो कब आपको कुछ गलत करने पर मजबूर कर दें ये आपको भी नहीं पता होता है. एक्टर कुशल पंजाबी, प्रत्युषा बनर्जी, जिया खान, परवीन बॉबी और न जाने ऐसे कितने नाम है जो ग्लैमर दुनिया के चकाचौंध में रहकर भी अंधेरे में रहते हुए अकेलेपन के शिकार थे. इन्होंने अपनी बातें बोली होती या इनके करीबी ने वक्त पर रहते इन्हें भांप लिया होता तो शायद वो आज इस दुनिया में मौजूद होते.

दीपिका मैं तुम्हें Bravo Girl बोलती हूं क्योंकि तुमने खुद की तकलीफ, दर्द से लड़ते हुए उसपर जीत हासिल की है. तुम अंदर से रोती थी लेकिन फिर भी फिल्मों में और मीडिया के सामने सबसे खुशनुमा लड़की थी. तुम्हारे पास नाम, प्रसिद्धि और शोहरत सब था लेकिन फिर भी तुम अंदर से खाली थी. तुम कामयाबी के शिखर पर थी लेकिन फिर भी एक रिश्ते की नाकामी ने तुम्हें तोड़ दिया था. इतने सब के बावजूद तुमने हिम्मत नहीं हारा और अंत में एक खुशनुमा दीपिका के साथ सबके सामने आई.

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ब्रेकअप होना लोगों को आम बात लगता है लेकिन ये हर बार आसान नहीं होता है, कुछ रिश्तों में हम पूरी तरह से समर्पित रहते है इसलिए जब इसपर से जब झूठ और धोखे की परत हटती है तो हम वह सच बर्दाश्त नहीं कर पाते है. हमारे प्यार भरे सपने विश्वास अचानक से कांच की तरह टूट कर बिखर जाते है, जिसकी चुभन हर दिन बढ़ती जाती है. ये बातें दिल-दिमाग दोनों पर बुरी तरह कब्जा कर लेती हैं जिससे आजाद होने के लिए बुरी तरह हम हर दिन जूझते है, इसमें परिवार और दोस्तों का साथ बेहद जरूरी होता है वरना हम लड़ते-लड़ते हार भी सकते हैं. लोगों को समझना होगा कोई भी तकलीफ छोटी नहीं होती है, हमारा दिमाग कभी भी किसी भी परेशानी से परेशान हो सकता है.

दीपिका दुनिया के सामने तुम एक सशक्त और प्रसिद्ध लड़की थी इसलिए जब तुमने डिप्रेशन पर बात करना शुरू किया तो अधिकत्तर लोगों ने इसे पब्लिसिटी स्टंट बताया. लेकिन तुम डिप्रेशन के खिलाफ मोर्चा खोल चुकी थी इसलिए दुनिया की सोच की फिक्र किए बिना तुम बोलती रही, रोती रही. आखिरकार तुम्हारी जीत हुई लोगों ने तुम्हारी बात सुनी, डिप्रेशन पर बात होनी लगी युवा पीढ़ी ने तुम्हारे वीडियोज, इंटरव्यू देखना शुरू किया. नतीजन अब लोग अपनी मानसिक स्थिति पर भी बोलते हुए डिप्रेशन क्या है वो समझ रहे हैं. थैंक्यू तुम खुलकर सामने आई क्योंकि तुम्हें देखते हुए अब और भी लोग आ रहे हैं.

एक बार फिर से Happy Birthday Deepika...

(ये लेखक के निजी विचार इसका वेबसाइट से कोई संबंध नहीं है.)

Source : Vineeta Mandal

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